Delhi News: उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ विवादों के घेरे में आ गई है. वहीं इस फिल्म को लेकर जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से मौलाना अरशद मदनी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता ने उदयपुर फाइल्स फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.
वहीं सेंसर बोर्ड की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उनकी ओर से प्रोड्यूसर को फिल्म उदयपुर फाइल्स के कुछ विवादित डॉयलॉग और सीन को हटाने को कहा गया. दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म प्रोड्यूसर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सेंसर बोर्ड की ओर से सुझाए गए वो विवादित सीन और डॉयलॉग हटा दिए गए है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के प्रोड्यूसर से कहा है कि वो इस फिल्म और उसके ट्रेलर की स्क्रीनिंग आज ही आयोजित करें. इस मामले में याचिकाकर्ता जमीयत के वकील कपिल सिब्बल और बाकी मामले से जुड़े वकील फिल्म को देखें. वकील तय करें कि क्या वो फिल्म के विवादित अंशों को हटाए जाने से संतुष्ट हैं या नहीं. याचिकाकर्ता के वकील कल फिर दिल्ली हाईकोर्ट को इस बारे में अपनी राय से अवगत कराएंगे. हाईकोर्ट कल फिर सुनवाई करेगा.
कन्हैयालाल हत्याकांड पर है आधारित याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट सीबीएफसी की दी गई सर्टिफिकेशन को रद्द करे और फिल्म की रिलीज पर तत्काल रोक लगाए. फिल्म कथित रूप से 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित है. लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि इसमें कोर्ट की कार्यवाही, एक मुख्यमंत्री का ‘पक्षपाती’ बयान और नूपुर शर्मा के दिए गए विवादास्पद बयान को दोहराया गया है.
‘सांप्रदायिक भावना भड़काने की कोशिश’याचिका में कहा गया है कि यही बयान पहले भी देश में हिंसा और तनाव का कारण बने थे और अब फिल्म में उन्हीं बातों को दोहराकर सांप्रदायिक भावनाओं को फिर से भड़काने की कोशिश की जा रही है. कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता का दावा है कि फिल्म का ट्रेलर मुस्लिम समुदाय को एकतरफा और नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत करता है. जिससे समुदाय की गरिमा और जीने के अधिकार का उल्लंघन होता है.
फिल्म में ज्ञानवापी मामले का जिक्रट्रेलर में कथित रूप से धार्मिक नेताओं को नाबालिग बच्चों के साथ आपत्तिजनक संबंधों में दिखाया गया है, जो कि अत्यंत आपत्तिजनक और उचित दृश्य नहीं है. याचिकाकर्ता के मुताबिक फिल्म में ज्ञानवापी मुद्दे को भी छेड़ा गया है जो वर्तमान में वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसे विवादित मुद्दों का फिल्म के रूप में दिखाना न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने और धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है. कोर्ट में दाखिल याचिका में यह भी कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग इस तरह नहीं किया जा सकता है.
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म विवाद मामला, अरशद मदनी की याचिका पर दिल्ली HC ने दिया ये आदेश
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