Rajasthan Governor on Jodha-Akbar: राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे राज्य के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा शुरू हो गई है. गवर्नर हरिभाऊ बागडे ने दावा किया है कि मुगल शासक अकबर और राजपूत राजकुमारी जोधा की कभी शादी ही नहीं हुई थी. आमेर के राजा ने अपनी बेटी की जगह अपनी नौकरानी की शादी अकबर से कराई थी. राज्यपाल के इस बयान से हलचल मच गई है.
दरअसल, महाराणा प्रताप की जयंती पर राजस्थान के गवर्नर ने दावा किया कि जोधा-अकबर कभी दंपती बने ही नहीं. आमेर के राजा ने बेटी हरखा बाई नहीं, बल्कि महल की किसी नौकरानी से अकबर की शादी करा दी थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि पहले इतिहास में गलत बातें परोसी जा रही थीं, अब ये गलतियां ठीक हो रही हैं.
वहीं, महाराणा प्रताप का जिक्र कर कहा कि इतिहास ने उनके साथ कभी न्याय नहीं किया. महाराणा प्रताप को कम और मुगल शासक अकबर को ज्यादा महत्व दिया गया. इतिहास की किताबों के साथ ही पाठ्य पुस्तकों में भी यही काम किया गया है. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने आमेर रियासत की राजकुमारी जोधाबाई और मुगल शासक अकबर की शादी की बात को भी गलत बताया.
’महाराणा प्रताप ने अकबर से नहीं की थी संधि’- राजस्थान के राज्यपाल
राज्यपाल बागडे का कहना है कि उनके पास ऐसी जानकारी है कि आमेर के राजा ने अपनी बेटी का विवाह अकबर के साथ नहीं किया था. इस बारे में इतिहास में गलत बातें लिखी गई हैं. वहीं, उन्होंने यह दावा भी किया कि महाराणा प्रताप ने कभी अकबर के साथ संधि करने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया था. महाराणा प्रताप वीर योद्धा थे और वह कभी अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकते थे. इस बारे में इतिहास में जो कुछ कहा गया है, वह सब भ्रामक है.
इतिहास में जोधाबाई के धर्म परिवर्तन का गदावा
हरिभाऊ बागडे ने एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि हरखाबाई आमेर के राजा भारमल की बेटी ही नहीं थीं, बल्कि राजा भारमल ने अपनी नौकरानी की बेटी के साथ अकबर की शादी कराई थी. वैसे इतिहास में दावा यह किया जाता है कि हरखाबाई को अकबर ने मरियम नाम दिया था. कहा जाता है कि हरखाबाई उर्फ मरियम ही अकबर की प्रिय पत्नी जोधाबाई थीं.
’अकबर की आत्मकथा में नहीं है शादी का जिक्र'
गवर्नर के मुताबिक, अकबर की आत्मकथा में भी इसका जिक्र नहीं है कि उनकी चौथी पत्नी हरखाबाई राजा भारमल की बेटी थी या फिर अकबर ने कभी जोधाबाई के साथ विवाह किया था. गवर्नर हरिभाऊ बागडे के इन बयानों ने इतिहास को लेकर नई बहस छेड़ दी है. इतिहास में यह साफ तौर पर लिखा हुआ है कि अकबर ने जब अपना साम्राज्य बढ़ाना शुरू किया तो 1562 में आमेर के तत्कालीन राजा भारमल ने अपना राज बचाने के लिए उनसे समझौता कर लिया.
इतिहास में लिखी है जोधा-अकबर की शादी
राजा भारमल ने अपनी बेटी हरखू बाई का विवाह अकबर के साथ कर दिया. 6 फरवरी 1562 को हरखू बाई और अकबर का विवाह हुआ. अकबर के बेटे जहांगीर उर्फ सलीम का जन्म हरखा बाई से ही हुआ था. इतिहास के मुताबिक, हरखाबाई अकबर की चौथी पत्नी थीं. कुछ इतिहासकार हरखाबाई उर्फ मरियम को अकबर की तीसरी पत्नी बताते हैं. अकबर ने शादी के बाद धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मरियम उज जमानी का नाम दिया था.
तमाम इतिहासकारों ने राज पाट बचाने के लिए बेटी की शादी मुगल बादशाह अकबर से करने को लेकर राजा भारमल की निंदा भी की थी. तत्कालीन राजपूत समाज में भी राजा भारमल की काफी आलोचना हुई थी. इसके साथ ही इतिहास की कुछ पुस्तकों में यह भी वर्णन है कि घास की रोटियां खाने के बाद महाराणा प्रताप ने अकबर के साथ संधि करने का प्रस्ताव भेजा था.
कुछ इतिहासकारों का दावा था कि महाराणा प्रताप ने अकबर के आगे घुटने टेक दिए थे. राजस्थान के गवर्नर हरिभाऊ बागडे ने इतिहास के इस तथ्य को भी पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है. गवर्नर हरिभाऊ बागडे ने महाराणा और उनके कट्टर दुश्मन अकबर के बारे में यह दावे महाराणा प्रताप की जयंती की पूर्व संध्या पर उदयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में किए.
’महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज साथ होते तो तस्वीर अलग होती'
महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर में भेदभाव कर इतिहास से खिलवाड़ करने का जो काम किताबों के जरिए किया जा रहा था, उसे अब सुधारा जा रहा है. गवर्नर हरिभाऊ बागडे ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी की उम्र में 90 साल का फर्क था. अगर दोनों समकालीन होते तो भारत का इतिहास दूसरा होता. देश की तस्वीर भी आज दूसरी होती.
बच्चों के सिलेबस में सुधारी जा रही हैं गलतियां
राज्यापल के मुताबिक, वीरता और देशभक्ति के मामले में महाराणा प्रताप और शिवाजी का कोई जवाब नहीं था. महाराणा प्रताप की जयंती पर गवर्नर हरिभाऊ बागडे के दिए गए इन बयानों पर खूब चर्चा हो रही है. जोधा बाई और अकबर को लेकर पहले भी इतिहासकार एक राय नहीं थे. फिल्म जोधा अकबर के रिलीज के वक्त यह विवाद और बढ़ गया था. गवर्नर हरिभाऊ बागडे ने इस मौके पर कहा कि पहले हमारा इतिहास विदेशी लिखते थे, तो वह गलत बातें लिखते थे. बाद में भारतीयों के लिखने पर भी इतिहास में पूरा सच नहीं बताया गया. हालांकि, पाठ्य पुस्तकों के जरिए बच्चों को पढ़ाए जाने वाले इतिहास को अब ठीक कराया जा रहा है.