दुश्मन की पनडुब्बी को समंदर की गर्त में मिलाने के बाद ‘मोक्ष’ दिलाने के लिए भारतीय नौसेना ने कमर कस ली है क्योंकि हिंदुस्तान शिपयार्ड ने भारतीय नौसेना को पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘INS निस्तर’ सौंप दिया है. इस महीने की 18 तारीख (जुलाई) को ‘INS निस्तर’ को नौसेना के जंगी बेड़े में विधिवत तौर से शामिल किया जाएगा.
‘INS निस्तर’ को नौसेना के उसी पुराने युद्धपोत का नाम दिया गया है, जिसने 1971 की जंग में पाकिस्तान की PNS गाजी पनडुब्बी के मलबे को विशाखापट्टनम के करीब बंगाल की खाड़ी में ढूंढने में मदद की थी. ‘निस्तर’ संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव या फिर मोक्ष.
समंदर के नीचे तक रेस्क्यू ऑपरेशन करने में सक्षम
भारतीय नौसेना के मुताबिक, ‘INS निस्तर’ को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नियमों के आधार पर डिजाइन किया गया है. करीब 118 मीटर लंबा और 10 हजार टन भारी ये जहाज, स्टेट ऑफ द आर्ट डाइविंग इक्विपमेंट से लैस है और समंदर से 300 मीटर नीचे तक रेस्क्यू ऑपरेशन करने में सक्षम है.
डीप सी सेचुरेशन डाइविंग के अलावा, ‘INS निस्तर’ में साइड डाइविंग स्टेज भी है, जो 75 मीटर नीचे तक डाइविंग ऑपरेशन कर सकता है. करीब 200 नौसैनिक इस जहाज पर तैनात रहेंगे और दो महीने तक लगातार समंदर में रेस्क्यू मिशन में तैनात रह सकता है.
मदर-शिप का करेगा काम
हिंदुस्तान शिपयार्ड (विशाखापट्टनम) के मुताबिक, दुनिया की चुनिंदा नौसेनाओं के पास ही इस तरह के डीप डाइविंग सपोर्ट वेसल हैं. ‘INS निस्तर’ नौसेना के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के लिए मदर-शिप का काम भी करेगा, जिसके जरिए समंदर के नीचे सबमरीन में किसी दुर्घटना के दौरान बचाव और राहत के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
शिपयार्ड के मुताबिक, ‘निस्तर’ में करीब 75 प्रतिशत स्वदेशी सामान लगे हैं, जो सरकार के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप हैं. हिंदुस्तान शिपयार्ड, एक दूसरे डाइविंग सपोर्ट वेसल, INS निपुण के निर्माण में जुटा है.
ये भी पढ़ें:- लाइव इंटरव्यू में हिना रब्बानी की बोलती बंद! आतंकी को बताया ‘आम नागरिक’, पाकिस्तान की दोहरी नीति बेनकाब
समंदर में 75 मीटर नीचे तक डाइविंग ऑपरेशन, 2 महीने लगातार मिशन पर… दुश्मन के लिए काल साबित होगा इंडियन नेवी का ‘INS निस्तर’
4