गुजरात के वडोदरा में महासागर नदी पर बना 45 साल पुराना गंभीर पुल बीच से टूटकर नदी में गिर गया। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोगों को स्थानीय लोगों ने बचाया। पुल टूटने के समय दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा समेत कुल पांच वाहन नदी में जा गिरे। एक टैंकर पुल के टूटे हुए हिस्से पर लटका रहा। स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रधानमंत्री ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के लिए ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50 हजार के मुआवजे का ऐलान किया। यह घटना उसी दिन हुई जब गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 16वें पुल का निर्माण पूरा हुआ। इस हादसे ने सिस्टम की लापरवाही और भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले गुजरात के मोरबी में भी पुल गिरने से सैकड़ों लोगों की जान गई थी। राजस्थान के झुंझुनू में एक नई सड़क उद्घाटन से पहले ही बाढ़ में बह गई। राजस्थान के सीकर में एक स्कूली छात्रा शिवानी को घुटनों तक पानी में होकर स्कूल जाना पड़ा, जिसका वीडियो वायरल हुआ। छात्रा ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा, “नेताजी तुम मौज करो, हम तुम्हारे साथ हैं।” हरियाणा के चरखी दादरी में एक मॉडल स्कूल भी बाढ़ के पानी में डूब गया, जहाँ बच्चों को पानी के बीच बैठकर पढ़ना पड़ा। टोल टैक्स चुकाने के बावजूद जनता को सुरक्षित बुनियादी ढाँचा नहीं मिल रहा है। कांग्रेस ने इस घटना को ‘खोखला गुजरात मॉडल’ और भ्रष्टाचार का नाम बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
Bridge Collapse: Vadodara में पुल गिरा, सिस्टम की लापरवाही से जनता बेबस! Gujarat News
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