सोनीपत में नर्सिंग छात्राओं को एग्जाम से किया वंचित:स्कॉलरशिप पर एडमिशन लेने पर किया फ्रॉड;दो जिलों की पुलिस ने झाड़ा पल्ला

by Carbonmedia
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सोनीपत के महलाना रोड स्थित हैप्पी चाइल्ड कॉलेज ऑफ नर्सिंग में एडमिशन लेने वाली चार छात्राएं परीक्षा से वंचित कर दी गई हैं। छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन और दलालों की मिलीभगत से स्कॉलरशिप के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। यह छात्राएं अपने ओरिजिनल दस्तावेज और रोल नंबर की मांग करने पहुंचीं तो उन्हें ₹80 हजार फीस जमा करने को कहा गया। छात्राओं और अभिभावकों ने इंसाफ के लिए गुहार लगाई, लेकिन पुलिस व कॉलेज प्रशासन ने भी पल्ला झाड़ लिया। स्कॉलरशिप के नाम पर एडमिशन, अब परीक्षा से बाहर
रोहतक, करनाल और अन्य जिलों से आईं चार छात्राओं ने बताया कि साक्षी नाम की महिला और हैप्पी चाइल्ड नर्सिंग कॉलेज के कर्मचारियों ने मिलकर उन्हें स्कॉलरशिप के आधार पर एडमिशन दिलवाया था। इसके लिए उनसे ₹28 हजार तक की रकम ली गई और सभी ओरिजिनल दस्तावेज कॉलेज में जमा करवाए गए। लेकिन अब परीक्षा के समय उन्हें रोल नंबर नहीं दिया गया और फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस भी नहीं बनी सहारा, दोनों जिलों की पुलिस एक दूसरे पर डाल रही मामला
जब छात्राओं ने कैंपस में दस्तावेज और रोल नंबर की मांग की तो कॉलेज ने फीस न भरने का हवाला देकर इनकार कर दिया। छात्राएं जब करनाल पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचीं तो उन्हें कहा गया कि मामला सोनीपत का है। वहीं सोनीपत पुलिस ने कह दिया कि पैसे करनाल में दिए गए हैं, इसलिए वहां शिकायत करो। अंत में डायल 112 पर कॉल कर मौके पर पुलिस बुलाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। काउंसलर पुलिस देखते ही हुई फरार
मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ करनी चाही तो कॉलेज की काउंसलर चेतना मौके से फरार हो गईं। बाद में कोर्ट परिसर चौकी इंचार्ज पहुंचे, लेकिन किसी का पता नहीं चला। औपचारिकता निभाकर पुलिस भी लौट गई। छात्राओं और परिजनों की दर्दभरी गुहार
घरौंडा की रहने वाली स्टूडेंट आंचल ने बताया कि उसने 2023 में एससी कैटेगरी के तहत स्कॉलरशिप पर एडमिशन लिया था। उनके ओरिजिनल दस्तावेज कॉलेज में जमा हैं, लेकिन अब रोल नंबर नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह अन्य छात्राओं और उनके परिजनों ने कहा कि जब पैसा लिया गया और एडमिशन दिया गया, तो अब परीक्षा से क्यों रोका जा रहा है? कॉलेज प्रशासन का जवाब
कॉलेज की काउंसलर चेतना ने कहा कि दलाल साक्षी ने संस्थान में कोई भुगतान नहीं किया है। केवल एक स्टूडेंट भारती के ₹7000 जमा हुए हैं। उनका कहना है कि ₹80 हजार फीस पूरी भरे बिना परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हॉस्टल में भी पैसे वसूली का आरोप
इसके अलावा वहां पर अन्य छात्राओं ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने आज होने वाली परीक्षा के लिए हॉस्टल में रुकना चाहा, उनसे ₹2000 लिए गए। इसके अलावा जिन विद्यार्थियों ने फर्स्ट ईयर की ₹80 हजार फीस पहले ही जमा कर दी थी, उनसे सेकेंड ईयर की एडवांस ₹60 हजार की मांग की गई। इससे छात्रों और अभिभावकों में गुस्सा देखा गया। मजदूर परिवारों की बेटियां, उम्मीदें टूटीं
चारों छात्राएं मजदूर परिवारों से हैं और स्कॉलरशिप के जरिए पढ़ाई कर रही थीं। उनका कहना है कि जब सरकार ने स्कॉलरशिप दी, तो अब संस्थान और दलाल मिलकर उनका भविष्य अंधकार में धकेल रहे हैं। बिना रोल नंबर और बिना दस्तावेज के ये छात्राएं अब न तो परीक्षा दे सकती हैं और न ही किसी अन्य कॉलेज में जा सकती हैं। एग्जाम छूटा, न्याय की आस बाकी चारों छात्राएं आखिरकार बिना रोल नंबर, बिना दस्तावेज और बिना समाधान के खाली हाथ लौट गईं। अब वे न परीक्षा दे सकेंगी और न ही अपनी पढ़ाई का भविष्य तय कर सकेंगी। इंसाफ की गुहार के बावजूद न कॉलेज प्रशासन सहयोग कर रहा है, न ही पुलिस कार्रवाई करने को तैयार है।

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