सोनीपत के हैप्पी चाइल्ड नर्सिंग कॉलेज में स्टिंग में खुलासा:परीक्षा में नकल करवाने की सेटिंग; बिना रोल नंबर परीक्षा में बैठाया,ऑब्जर्वर ने पकड़ा

by Carbonmedia
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सोनीपत के महलाना रोड पर स्थित नर्सिंग के एग्जाम को लेकर नकल की सेटिंग करने को लेकर वीडियो सामने आया है।
नर्सिंग कोर्स करवाने के नाम पर चल रहे फ्रॉड के साथ-साथ बच्चों को पास करने का भी ठेका लिया जाता है। मामला सोनीपत के हैप्पी चाइल्ड नर्सिंग कॉलेज का है। जहां पर हैप्पी चाइल्ड में पहली परीक्षा के दौरान काउंसलर चेतना ने कहा कि अंदर हमारे टीचर हैं और वे हेल्प करवा देंगे और स्टूडेंट पास हो जाएंगे। सिलसिलेवार समझिए नर्सिंग कोर्स में कैसे धांधली बाजी चल रही है… 1. परीक्षा में नकल कराने की गारंटी, बातचीत में हुआ खुलासा स्टिंग के दौरान रिपोर्टर और काउंसलर चेतना के बीच हुई यह बातचीत कैमरे में कैद हुई रिपोर्टर – “छात्र की फीस बकाया जमा करवा देंगे, लेकिन पेपर में भी कुछ घाट-बाध करना पड़ेगा।”
कॉलेज काउंसलर – “सुपरिटेंडेंट वाला काम नहीं हो रहा है, वह कल भी बोला था कि देखेंगे होगा या नहीं, आज ऑब्जर्वर काफी स्ट्रिक्ट आया हुआ है, कुछ भी नहीं हो पा रहा है।”
रिपोर्टर – “देख लो मैम, बच्चे की बकाया फीस आर टी जीएस करवा दूंगा,किस अकाउंट में करवानी है।”
कॉलेज काउंसलर – “हो जाएगा, बच्चे पेपर में पास हो जाएंगे, कितना हो जाएगा। अब पैसे देने की जरूरत नहीं है, बिना उसके ही हो जाएगा।”
रिपोर्टर – “अंदर क्लास में हो जाती है क्या चीटिंग (नकल)?”
कॉलेज काउंसलर – “क्लास में टीचर है, अंदर करवा देते हैं, ऐसा कुछ नहीं है, बच्चे कर लेंगे। आप इसकी फीस जमा करवा दो।” 2. बिना रोल नंबर के परीक्षा में बैठे मिले छात्र, ऑब्जर्वर ने जताई नाराजगी आज एग्जाम के दौरान जब ऑब्जर्वर कॉलेज पहुंची, तो उन्होंने पाया कि कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनके पास रोल नंबर नहीं हैं, फिर भी उन्हें एग्जाम में बैठा दिया गया था। इस पर उन्होंने काउंसलर चेतना को लताड़ लगाई। ऑब्जर्वर (काउंसलर चेतना से) – “इस लिस्ट में किसी के भी रोल नंबर नहीं हैं।”
काउंसलर चेतना – “मैं इसमें चेंज करवा देती हूं।”
ऑब्जर्वर – “यह गलत बात है। आप 16 नंबर कमरे में जाकर देखो, बगैर रोल नंबर के कोई नहीं होना चाहिए।” 3. क्लास में उपस्थिति का फर्जी रिकॉर्ड, केवल 10% छात्र ही आते हैं नियमों के मुताबिक सभी क्लासेस रेगुलर होनी चाहिए, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला कि केवल 10% बच्चे ही कभी-कभार कॉलेज आते हैं। बाकी स्टूडेंट्स को ऑनलाइन मटेरियल भेजकर खानापूर्ति कर दी जाती है। लेकिन अटेंडेंस रजिस्टर में इन्हीं छात्रों की प्रतिदिन उपस्थिति दिखाई जाती है। कई छात्रों से बातचीत में यह भी सामने आया कि कॉलेज प्रबंधन इस बहाने उनसे अलग से पैसे लेता है और कहता है कि “रजिस्टर में अटेंडेंस हो जाएगी।” 4. पास होने का वादा, एडवांस फीस भी जबरन काउंसलर चेतना ने एक दिन पहले भी बातचीत में खुलासा किया कि नर्सिंग की परीक्षा पास कराने के लिए चार पेपर के ₹8000 तक लिए जाते हैं। काउंसलर चेतना – “चार पेपर के 2000 के हिसाब से 8000 लगते हैं, लेकिन यह सुपरिंटेंडेंट पर डिपेंड करता है कि उसका मिजाज क्या है।” उन्होंने आगे बताया कि – “आज पहले एग्जाम के दौरान पैसे इसलिए नहीं लिए गए क्योंकि ऑब्जर्वर काफी सख्त आई हैं। लेकिन बच्चे पास हो जाएंगे, अंदर हमारे टीचर हैं।” कॉलेज में 120 सीटें फुल हैं। हर छात्र से ₹80000 सालाना और अगले साल की ₹60000 एडवांस में वसूली जाती है। विरोध करने वाले छात्रों को धमकाया जाता है कि उनका रोल नंबर या पेपर रोक दिया जाएगा। स्कॉलरशिप के नाम पर एडमिशन, अब परीक्षा से बाहर करनाल और अन्य जिलों से आईं 4 छात्राओं के साथ भी फ्रॉड हुआ है और उन्होंने बताया कि साक्षी नाम की महिला और हैप्पी चाइल्ड नर्सिंग कॉलेज के कर्मचारियों ने मिलकर उन्हें स्कॉलरशिप के आधार पर एडमिशन दिलवाया था। इसके लिए उनसे ₹28 हजार तक की रकम ली गई और सभी ओरिजिनल दस्तावेज कॉलेज में जमा करवाए गए। लेकिन अब परीक्षा के समय उन्हें रोल नंबर नहीं दिया गया और फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

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