मुरादाबाद में बकरीद से पहले बढ़ा बकरों का कारोबार, 60 से 70 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद

by Carbonmedia
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GOAT BUSINESS ON EID: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और उसके उसके आसपास के इलाकों में पिछले 15 से 20 सालों में ईद उल जुहा यानी बकरीद से पहले बकरों का कारोबार तेजी से उभरा है. अब यह देशभर के लिए बकरों का हब बन गया है. बरबरा और तोतापरी बकरे तो मुरादाबाद की ही नस्ल मानी जाती हैं और देश के कोने कोने में इनकी सबसे अधिक मांग है. इसलिए यह सबसे महंगे यानी छह लाख तक में बिकते हैं. 


कारोबारियों ने इस वर्ष भी अभी से देश के दूरदराज इलाकों में बकरे पहुंचाना शुरू कर दिया है. कुछ लोगों ने अधिक मुनाफे के लिए बाहर भी अपनी ही दुकानें लगाईं हैं. जबकि आदमियों के अभाव मे कुछ लोग यहां से बकरे ले जाकर वहां के दुकानदारों को देकर आने लगे हैं. गत वर्ष बकरों का कारोबार लगभग 50 करोड़ का रहा था. इस वर्ष इसका 60 से 70 करोड़ तक का पहुंचने का अनुमान है. 


बकरीद का त्योहार 7 जून को
इस वर्ष बकरीद 7 जून की है. इस दिन जानवरों की कुर्बानी दी जाती है. असालतपुरा निवासी मोहम्मद शाहिद कुरैशी बताते हैं कि लगभग बीस साल पहले दिल्ली के कुछ कारोबारी यहां बकरे खरीदने आए. सस्ते मिलने पर उन्होंने हर साल यहां आना शुरू कर दिया. इसके बाद यहां के भी कुछ युवा कारोबारियों ने दिल्ली आदि कई शहरों में जाकर बकरे बेचना शुरू किया. धीरे धीरे वह कारोबार पूरे देश में फैल गया. मुरादाबाद के बरबरा और तोता परी बकरों की मांग देश भर में होने लगी. 


असालतपुरा के ही असमत अली ने बताया अब स्थानीय कारोबारी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पूना, नासिक, कोलकाता, चेन्नई सहित देश भर के कोने कोने में जाकर बकरे बेच रहे हैं. हालांकि यहां पारवा, सूजर, पंजाबी, अजमेरी नस्ल के बकरों की भी मांग रहती है. स्थानीय स्तर से कई गुना मुनाफा मिलने से इनका उत्साह बढ़ा है. जिसने इनका दायरा भी बढ़ा है.


60 से 70 करोड़ रुपयों का कारोबार होने की उम्मीद
करुला निवासी मुनव्वर कुरैशी ने बताया अब कारोबारी दो से तीन महीने पहले शहरों में जाकर आर्डर ले आते हैं और बकरीद से एक सप्ताह पहले तक आर्डर पूरे कर दिए जाते हैं. असालतपुरा निवासी अल्ताफ हुसैन ने बताया बकरों की तैयारी में पूरा साल लग जाता है. असालतपुरा के मोहम्मद शाहिद कुरैशी ने बताया यह कारोबार बढ़ने के साथ ही अब भोजपुर, काशीपुर तिराहा के आसपास का क्षेत्र बिलारी, कुंदरकी, करुला आदि क्षेत्रों के लोग भी इस कारोबार में शामिल होने लगे हैं. जिससे पैदावार बढ़ गई है. अब आसपास के क्षेत्रों में भी बकरे का कारोबार बढ़ गया है. इस साल बकरीद पर यहां 60 से 70 करोड़ रुपये का बकरों का कारोबार होने की उम्मीद है. 


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