अंबाला में आज होगा मेयर कार्यालय का उद्घाटन:पार्क में बैठ कर ही कर रहीं काम; 7 महीने का बचा है कार्यकाल

by Carbonmedia
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हरियाणा की अंबाला में मेयर कार्यालय का आज उद्घाटन होने जा रहा है। हालांकि अंबाला में मेयर के चुनाव के नतीजे आए हुए 5 महीने का समय पूरा हो चुका है। लेकिन कार्यालय अब जाकर मेयर को मिला है। दरअसल, अंबाला शहर नगर निगम के मेयर पद पर शैलजा सचदेवा ने चुनाव जीता था। जिसके बाद उनको उनका कार्यालय नहीं मिल सका चूंकि उनके कार्यालय को पहले से ही सीनियर डिप्टी मेयर को सौंप दिया गया था। जिसके बाद काफी दिनों तक कार्यालय न मिलने की सियासत चली। जिसके बाद प्रशासन द्वारा ऑफिस को दोबारा तैयार कराने के लिए टेंडर उठाया। अब यह तैयार हो चुका है। शहर के लोगों को भी किया आमंत्रित वहीं, मेयर शैलजा सचदेवा ने आज के कार्यालय उद्घाटन के लिए एक पोस्टर और एक वीडियो जारी कर शहरवासियों को भी इस कार्यालय के उद्घाटन में शामिल होने के लिए कहा गया है।
जानकारी के अनुसार, कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में किसी बड़े राजनेता के आने की संभावना नहीं है। वहीं, मेयर ने इसको लेकर हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज को निमंत्रण दिया है। मेयर बोली थी जब अधिकारी उचित समझेंगे तब मिलेगा कार्यालय वहीं, एक महीने पहले मेयर शैलजा सचदेवा ने एक बयान देते हुए कहा था कि जहां तक ऑफिस का सवाल है तो ऑफिस हो या न हो उससे हमारे काम पर कोई फर्क नहीं आ रहा। उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑफिस तब ही शुरू होगा, जब यहां के अधिकारी उचित समझेंगे। उन्होंने इसको दलगत राजनीति भी कहा है। अप्रैल माह में जारी हुआ था टेंडर बता दें कि, अप्रैल माह में मेयर ऑफिस के लिए टेंडर जारी किया गया था। जिसमें समय सीमा 6 माह की रखी गई थी। अब इसमें काम पूरा न होने पर दो माह का एक्स्टेंशन की बात कही गई है। वहीं, जनवरी 2026 में मेयर के चुनाव संभावित हैं। जिसकी आचार संहिता दिसंबर 2025 में लग जाएगी। अब मेयर का कहना है कि उनको यह नहीं लगता कि वह अपने इस कार्यकाल में अपने कार्यालय में बैठ सकेंगी। भाजपा की पहली मेयर हैं सचदेवा नगर निगम अंबाला की बात करें तो भाजपा की पहली मेयर शैलजा सचदेवा बनी हैं। इससे पहले हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा यहां से मेयर थी। अंबाला कैंट और शहर जब नगर निगम था तब मेयर रमेश मल थे। कैंट नगर परिषद बनने के बाद नगर निगम अंबाला दोबारा से बनाया गया जिसमें सबसे पहली मेयर शक्ति रानी तो दूसरी शैलजा सचदेवा हैं। अब पढ़िए कहां से शुरू हुआ ऑफिस विवाद… शक्ति रानी बनी थी विधायक उनकी जगह बैठे डिप्टी मेयर अंबाला में पूर्व मेयर रहीं शक्ति रानी के विधायक बनने के बाद से अंबाला की मेयर सीट खाली हुई थी। इस दौरान यहां पर सीनियर डिप्टी मेयर मीना ढींगरा को यह जगह दे दी गई। तब से ही यह ऑफिस सीनियर डिप्टी मेयर के पास ही था।
अब अंबाला में मेयर चुनाव हुए तो यहां से भाजपा की मेयर प्रत्याशी शैलजा सचदेवा विजयी हुई। उनके जीतने के बाद उन्होंने शपथ ली और वह ऑफिस पहुंची तो उनको अपना ऑफिस ही नहीं मिला। पहले दिन से ही पार्क में बैठ कर किया सारा काम अंबाला की जनता ने जिसे मेयर बनाकर भेजा उसे ऑफिस के सामने पार्क में बैठकर अपने काम करने पड़ रहे हैं। वजह थी कि अंबाला मेयर के लिए कमरा था ही नहीं। उन्होंने पहले दिन से ही पार्क में बैठकर अपनी सारी कागजी कार्रवाई आदि की। उसके बाद उन्होंने जन समस्याएं भी पार्क में ही बैठ कर सुनीं। कई दिनों तक उन्होंने यह क्रम जारी रखा। लेकिन, फिर भी उनके लिए कोई ऑफिस तैयार नहीं किया गया। विवाद बढ़ा तो सीनियर डिप्टी मेयर के साथ लगी नेम प्लेट इसके बाद ऑफिस न मिलने का विवाद और ज्यादा बढ़ गया। जिसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर के साथ ही अंबाला की नवनिर्वाचित मेयर की नाम पट्टिका लगा दी। जिसके बाद मेयर ने उस कमरे को लेने से इनकार कर दिया। यह विवाद भी काफी चर्चा में रहा। मेयर ने कहा था कि क्या एक मेयर के लिए सेपरेट कार्यालय नहीं होना चाहिए। मेयर बोली- जब अधिकारी उचित समझेंगे तब होगा काम एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने मेयर शैलजा सचदेवा से ऑफिस को लेकर प्रश्न किया तो उन्होंने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑफिस तब ही शुरू होगा जब यहां के अधिकारी उचित समझेंगे। उनके जब मन में आएगा तब वह मुझे ऑफिस देंगे। उन्होंने इसको दलगत राजनीति भी कहा है। उन्होंने कहा हम अपना काम बिना ऑफिस के भी कर सकते हैं। जब अफसर ऑफिस तैयार करके देंगे, तब हम अपने परिवार से बातचीत करेंगे। सभी अंबाला के निवासियों से इसमें राय मांगेंगे। उन्होंने कहा कि ऑफिस में बैठने का निर्णय पूरा अंबाला परिवार करेगा। वरिष्ठ नेताओं संग हो चुकी है बातचीत सूत्रों की मानें तो इस मामले में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर मेयर शैलजा सचदेवा ने अवगत कराया है। उन्होंने पीएम मोदी की यमुनानगर में हुई रैली के बाद मंत्री अनिल विज और केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिली थी। जिसमें उन्होंने अंबाला में चल रहे ऑफिस विवाद से अवगत कराया था।

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