स्मार्टवर्क्स का IPO पहले दिन 52% भरा:14 जुलाई तक निवेश का मौका; गूगल, ग्रो, LT जैसी कंपनियों को ऑफिस सर्विस देती है कंपनी

by Carbonmedia
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स्मार्टवर्क्स के IPO की शुरुआत अच्छी रही। पहले दिन गुरुवार (10 जुलाई) को यह IPO 52.22% भर गया। कंपनी को एक करोड़ शेयरों की तुलना में 52.51 लाख शेयरों के लिए बोलियां मिल चुकी हैं। रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से का 57% तक खरीदा। वहीं बड़े निवेशकों में नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स का हिस्सा 1.04 गुना भर गया। कंपनी इस IPO से करीब 583 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसका इस्तेमाल कारोबार को बढ़ाने और कर्ज कम करने के लिए करेगी। यह इश्यू 14 जुलाई को बंद हो जाएगा। यह देश की सबसे बड़ी ‘मैनेज्ड कैंपस ऑपरेटर’ कंपनी है। एक करोड़ वर्ग फीट स्पेस मैनेज करती हैं। गूगल, ग्रो, मेक माइ ट्रिप, LT, ब्रिजस्टोन और फिलिप ग्लोबल जैसी 700 कंपनियां क्लाइंट हैं।
14 शहरों में सर्विस दे रही कंपनी स्मार्टवर्क्स के को-फाउंडर हर्ष बिनानी कहते हैं, ‘हमने कंपनी शुरू करने से लेकर आईपीओ लाने तक लंबा और शानदार सफर तय किया है। पढ़ाई के लिए विदेश गए तो स्मार्ट ऑफिस का कॉन्सेप्ट करीब से देखा। ऐसे दफ्तर में कर्मचारियों को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा वाला माहौल मिलता है। यह भी महसूस किया कि भारत जैसे तेज तरक्की वाले देश में ऐसा कोई कॉन्सेप्ट नहीं है। इसी खाली स्पेस को भरने के इरादे से 2016 में फाउंडर नीतिश सारदा के साथ इसे जमीन पर उतारना शुरू किया। इस दौरान हमने कोविड के दो चुनौती भरे साल भी देखें। अभी हम देश के 14 शहरों में करीब 1 करोड़ वर्ग फीट स्पेस मैनेज कर रहे हैं।’ बिजनेस मॉडल: मजबूत कंपनियों पर फोकस, ताकि निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे बिनानी ने बताया, ‘हम क्लांइट को होटल जैसा वर्कस्पेस देते हैं। इनमें जिम, रेस्टोरेंट और ग्रोसरी से लेकर लॉन्ड्री तक की सुविधाएं होती हैं। हम डेवलपर्स से जमीन लीज पर लेते हैं। इसे हाईटेक और स्मार्ट वर्क स्टेशन में बदलकर कंपनियों को देते हैं। हम 5-10 सीटर के स्मार्ट केबिन तक उपलब्ध कराते हैं। ये लीजिंग बिजनेस हैं, इसलिए हम बड़ी और मजबूत बैलेंस शीट वाली तेजी से उभरती कंपनियों को ही स्पेस देते हैं। गूगल, परसिस्टेंट सिस्टम्स, ग्रो और मेक माइ ट्रिप जैसी कंपनियां हमारी क्लाइंट हैं। 2 साल में ऑपरेशन से आय दोगुनी निवेश किया गया पैसा 32 माह में वापस स्मार्टवर्क्स को पुराने, स्थापित ऑफिस सेंटर से लगाया पैसा वापस कमाने में औसतन 30-32 माह लगते हैं। इस इंडस्ट्री का औसत 50 माह है। यानी स्मार्टवर्क्स का पैसा ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। इस बिजनेस को भविष्य में ये बड़े फैक्टर सपोर्ट करेंगे पिछले वर्ष की तुलना में यह 40% अधिक है। 2030 तक इस बाजार का आकार 9.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। तब तक कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 25-28 लाख हो जाएगी। यह डिमांड पूरी करने में स्मार्टवर्क्स जैसी ऑफिस स्पेस कंपनियों का बड़ा योगदान होगा।

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