जींद जिले में बारिश के 12 से 15 घंटे बाद भी जलभराव हो रहा है। इससे शहरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी नरवाना, जुलाना और उचाना में हो रही हैं, यहां शहर के बीचों-बीच से गुजरने वाले एकमात्र रोड पर दो से तीन फीट तक पानी भरा रहता है। अभी मानसून की शुरुआत ही हुई है और एक से दो घंटे की बारिश में ये हाल हो रहा है, तो आगामी दिनों में जलभराव की समस्या न हो, इसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने निर्देश जारी किए हैं कि मानसून के सीजन में पब्लिक हेल्थ और संबंधित दूसरे विभागों के कर्मचारी 24 घंटे शिफ्टों में ड्यूटी करेंगे, ताकि जलभराव की समस्या नहीं हो। इसके अलावा डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि शहर में जहां पर भी जलभराव होता है, वह जगह चिह्नित कर ली हैं और उन पर विभाग का विशेष फोकस रहेगा। शहरवासियों को मानसून के सीजन में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। पिछले 24 घंटों में हो चुकी 35 एमएम बारिश पिछले 24 घंटों में जिले में करीब 35 एमएम बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा नरवाना में 32 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जलभराव की सबसे ज्यादा दिक्कत भी नरवाना में ही आ रही है। नरवाना में रेलवे रोड पर तीन फीट से भी ज्यादा पानी भर रहा है। बारिश थमने के 10 से 15 घंटे बाद भी पानी सड़क से नहीं उतर पाता। दुकानों के अंदर भी पानी घुस जाता है। स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी आती है। इसके अलावा उचाना में रेलवे रोड पर एसडी कन्या कॉलेज से लेकर रजबाहा रोड और पुरानी मंडी में कई-कई दिनो तक पानी भरा रहता है। विधायक देवेंद्र अत्री भी कई बार मौका-मुआयना कर अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी जलभराव की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है। हर साल बारिश के सीजन में परेशानी लोगों को झेलनी पड़ रही है। जींद में 15 तारीख तक मध्यम से तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
जींद में बारिश के 12 घंटे बाद भी जलभराव:24 घंटे शिफ्टों में ड्यूटी करेंगे पब्लिक-हेल्थ के कर्मचारी, जलभराव वाली जगहों पर विशेष फोकस
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