हरियाणा के सोनीपत जिले में साल 1990 में दिल्ली-अम्बाला रेलवे ट्रैक पर रोहतक रोड को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण किया गया था, जिसके बाद कई माह पहले रेलवे विभाग ने इसे वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक बताते हुए बंद कर दिया था, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के अनुसार इसका प्रयोग हल्के वाहनों के लिए किया जा सकता था. हालांकि जो लोहे की एंगल भारी वाहनों की आवाजाही के लिए लगाई गई थी वो अब टूट चुकी है और इस पर अभी भी भारी वाहनों की आवाजाही जारी है, अगर यहां पर गुजरात के वडोदरा जैसा हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है.
इन ओवरब्रिज पर चलने वाले भारी वाहनों में स्कूल की बसे भी शामिल है और अगर नीचे से कोई यात्री ट्रेन गुजर रही होगी तो अंदाजा लगाया जा सकता है कितना बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन अब विभाग के अधिकारी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.
‘वडोदरा जैसे हादसे को दावत’वहीं इस ओवरब्रिज को लेकर स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया कि यहां भारी वाहनों को रोकने के लिए एंगल लगाई गई थी लेकिन अब वो टूट चुकी है और अब यहां से भारी वाहन भी गुजर रहे हैं जिसके चलते यहां वडोदरा जैसा हादसा हो सकता है लेकिन अब जिला प्रशासन और रेलवे विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
अधिकारियों ने क्या कहा?वहीं जब पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यकारी अभियंता पंकज गौड़ से बात कि तो उन्होंने बताया कि यह पुल साल 1990 में बनाया गया था और अब इसको रेलवे विभाग की तरफ से लेटर आने के बाद भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया था लेकिन अगर विभाग को कोई दिक्कत है तो आगे बिल्कुल इसको बंद कर दिया जाएगा, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के हिस्से का पुल अभी हल्के वाहनों के प्रयोग के लिए ठीक है.
हरियाणा के सोनीपत में वडोदरा जैसे हादसे को दावत! जर्जर ओवरब्रिज पर दौड़ रहे भारी वाहन
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