लुधियाना| गुरु नानक मॉडल टाउन कॉलेज में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन अर्थशास्त्र विभाग ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तहत किया। इसका उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम की शुरुआत अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष सीमा दुआ के संबोधन से हुई। उन्होंने इस वर्ष के विषय युवाओं को एक निष्पक्ष और आशावान दुनिया में अपने मनचाहे परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना, पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का भविष्य युवाओं के हाथों में होता है। उन्हें सशक्त बनाकर ही न्यायपूर्ण और समान समाज की नींव रखी जा सकती है। सहायक प्रोफेसर नेहा डावर ने जनसंख्या वृद्धि से जुड़ी समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ और पर्यावरणीय क्षरण भी गंभीर समस्या बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जनजागरूकता और ठोस नीतियों की जरूरत है। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मनीता काहलों ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने इस वैश्विक मुद्दे पर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। लुधियाना|विश्व जनसंख्या दिवस पर जिले में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग जगहों पर सेमिनार किए। डॉ. रमनदीप ने बताया कि बढ़ती आबादी अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण के कारण मृत्यु दर घटी है, लेकिन जन्म दर में लगातार हो रहा इजाफा चिंता बढ़ा रहा है। डॉ. रमनदीप ने कहा कि सरकार परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत बड़े प्रयास कर रही है। माताओं और बच्चों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि हर व्यक्ति अपने परिवार को सीमित रखने में योगदान दे। तभी बढ़ती आबादी पर काबू पाया जा सकेगा। इस मौके पर मास मीडिया विंग की टीम ने पीएयू स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल में जागरूकता सेमिनार किया। इसमें करीब दो हजार स्कूली छात्रों को जानकारी दी गई। जिला मास मीडिया और सूचना अधिकारी परमिंदर सिंह और जिला बीसीसी कोऑर्डिनेटर बरजिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि देश की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है। लोगों को घर बनाने के लिए जंगल काटने पड़ रहे हैं। कई जगह खेती की जमीन भी घर बनाने में इस्तेमाल हो रही है। इससे भविष्य में अनाज की कमी हो सकती है। सेमिनार में स्कूल प्रिंसिपल डॉ. प्रदीप कुमार समेत बड़ी संख्या में टीचर्स मौजूद रहे।
बढ़ती जनसंख्या के सामाजिक प्रभावों पर छात्रों ने जाना समाधान का रास्ता
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