चंडीगढ़ मानवाधिकार आयोग ने भेजा चीफ इंजीनियर और विजिलेंस नोटिस:24×7 जलापूर्ति प्रोजेक्ट पर मांगी रिपोर्ट, एक्सईएन को 31 जुलाई को पेश होने के निर्देश

by Carbonmedia
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चंडीगढ़ के मनीमाजरा में शुरू किए गए 24×7 जलापूर्ति प्रोजेक्ट में गड़बडिय़ों को लेकर अब पंजाब और चंडीगढ़ (यूटी) मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर और यूटी विजिलेंस विभाग को नोटिस जारी कर 31 जुलाई से पहले रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) को भी 31 जुलाई को आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दिए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, गंदा और मटमैला पानी आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी पाइपलाइनों को बदले बिना ही नई सप्लाई सिस्टम शुरू कर दिया गया, जिससे हालात और खराब हो गए हैं। 75 करोड़ की आई लागत चंडीगढ़ के मनिमाजरा में शुरू की गई 24×7 जलापूर्ति परियोजना, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था और जिसकी लागत 75 करोड़ बताई गई थी, उसे लेकर चंडीगढ़ में राजनीतिक मोड़ ले लिया है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार द्वारा इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस को सौंपा गया था। वहीं वीरवार को चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष विजयपाल सिंह की अगुआई में प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया से मिला और इस मामले की जांच CBI से करवाने की मांग करते हुए प्रशासक को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि, विजयपाल चंडीगढ़ पुलिस से DSP के रैंक से रिटायर हुए हैं। नेता और कॉर्पोरेट शामिल विजयपाल ने कहा कि उनकी ओर से प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें उन्होंने मांग की है कि मनिमाजरा में शुरू की गई 24×7 जलापूर्ति प्रोजेक्ट की जांच CBI या रिटायर्ड जज के सुपरविजन में SIT बनाई जाए, ताकि पता चल सके कि 75 करोड़ कहां गए। जांच के बाद जो दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ FIR की जाए। वहीं विजयपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पीछे नेता, बड़े अधिकारी और कॉर्पोरेट शामिल हैं, इसलिए इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी के सुपरविजन में करवाई जाए। उन्होंने कहा देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था, उसके बाद सिर्फ एक घंटा पानी आया था वो भी गंदा पानी था- मिट्टी वाला। नहीं विजिलेंस जांच पर भरोसा विजयपाल ने कहा इस मामले में भले ही विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन उसकी गंभीरता और निष्पक्षता पर उन्हें भरोसा नहीं है। पार्टी का आरोप है कि विजिलेंस अधिकारी सीनियर अफसरों और नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं, जिससे स्वतंत्र जांच की जरूरत है। यह मामला पहले भी नगर निगम सदन में उठ चुका है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के पूर्व मेयर कुलदीप ने इस घोटाले का विरोध किया और गृहमंत्री द्वारा प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार भी किया था। पार्टी ने इसे लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की है। बीजेपी अध्यक्ष ने दी थी केंद्र को शिकायत चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मनीमाजरा में 4 अगस्त 2024 को 24×7 जलापूर्ति परियोजना का उद्घाटन किया गया, लेकिन आज तक वहां एक दिन भी पानी नहीं आया है। लोगों के घरों में गंदा पानी आ रहा है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। मल्होत्रा ने लिखा था कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए, ताकि लोगों को पानी की दिक्कत न हो। इसी शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने मामला संज्ञान में लिया और इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग को सौंप दिया।

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