सिरसा डेरा प्रमुख के खिलाफ कोर्ट में चल रहे नपुंसक बनाने के आरोपों का मामला और थेहड़ संबंधित केस में शिकायतकर्ता ने खुद और अपने परिवार को जान का खतरा बताया है और सिक्योरिटी वापस देने की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अब डेरा प्रमुख भी यहां सिरसा आने-जाने लगा है और जेल से बाहर आने पर यहीं पर रहता है। सिक्योरिटी न मिलने से उनको खतरा बना हुआ है कि कहीं अनहोनी न हो जाए। इसको लेकर शिकायतकर्ता हरियाणा डीजीपी और सिरसा एसपी को भी एप्लीकेशन लिख चुके हैं, जिसमें सिक्योरिटी देने की मांग की है। अभी तक उस शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि चुनाव के बाद पुलिस प्रशासन ने सिक्योरिटी वापस ले ली थी। इसके बाद उनको सिक्योरिटी मुहैया नहीं करवाई। सिक्योरिटी न मिलने से उसे व उसके परिवार को डर बना हुआ है। इस वजह से वह स्वयं और उसके परिवार में बेटी व अन्य सदस्य भी घर से बाहर ही रहने को मजबूर है। शिकायतकर्ता पार्षद प्रतिनिधि हरदास सिंह ने बताया कि सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ नपुंसक बनाने के आरोप मामले में जो कोर्ट केस चल रहा है, उसमें उसके बड़े भाई गुरदास सिंह गवाह बने थे। उनका खुद का थेहड़ मामले में कोर्ट केस चल रहा है। पहले उनके भाई गुरदास सिंह को गैनमैन मिला हुआ था और घर पर गार्द तैनात रहती थी। शुरू में छह पुलिसकर्मी गार्द में रहते थे, पर वो धीरे-धीरे कम कर दिए और अब दो पुलिसकर्मी है। उनका एक घर डेरे के पास और दूसरा गौशाला रोड पर है। डेरा वाले एक ही घर पर गार्द है। अगर शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे : एसपी वहीं, इस बारे में सिरसा के एसपी डॉ. मयंक गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि यह मामला संज्ञान में नहीं है। मेरे आने से पहले का हो सकता है। इससे संबंधित स्वयं शिकायतकर्ता या कोई व्यक्ति उनसे मिलने भी नहीं आया। अगर ऐसी बात है या शिकायत आएगी तो उस पर कार्रवाई करेंगे। ऐसे मामलों में कुछ पैरामीटर भी है, जिनकी जांच करनी पड़ती है। इस तरह जानिएं विस्तार से पूरा मामला : दो बार हो चुका हमला : हरदास हरदास सिंह ने बताया कि साल 2017 में जब सिरसा डेरा प्रमुख बलात्कार केस में जेल गए थे, उसी दौरान गवाह गुरदास सिंह के घर पर हमला हुआ था और भीड़ ने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और शीशे तोड़ दिए थे। इसके चलते कुछ समय बाद गुरदास सिंह घर से बाहर रहने लगे। उसके बाद 2017 में थेहड़ मोहल्ला की जगह खाली करवाने में प्रशासन की मदद करने के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने हरदास सिंह पर भी हमला कर दिया। उस दौरान चंडीगढ़ से पुरातत्व के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण कुमार सिरसा आए थे, उनके सामने ही हरदास के साथ गाली-गलौज व झगड़ा करने लगे। इसके बाद डायरेक्टर ने ही डीजीपी को हरदास की सिक्योरिटी बढ़ाने की बात कही थी। 24 घंटे सिक्योरिटी के लिए कहा, पर उनके पास एक ही गैनमैन रहा। यह जानिएं पूरा मामला थेहड़वासियों का शुरुआत से ही कच्चा थेहड़ (मिट्टी का टीला) व पुरातत्व विभाग का ही विवाद चल रहा था, जिसके संबंध में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर इस थेहड़ को खाली करवाने के लिए वर्ष 2012 में जिला प्रशासन व सरकार को निर्देश दिए गए। थेहड़वासियों ने संघर्ष करते हुए इस मामले में स्टे ले लिया। लगभग चार वर्ष तक यह मामला कोर्ट में चला और हाईकोर्ट ने इसे पुन: खाली करवाने के निर्देश दिए। अब तक 28 एकड़ भूमि हुई खाली सिरसा प्रशासन अब तक 753 परिवार थेहड़ से हुडा सेक्टर 19 में बने हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट में शिफ्ट कर चुका है। अब तक चली प्रक्रिया बिल्कुल शांतिपूर्वक रही है। अब निचले हिस्से के मकानों की बारी आई है तो लोग विरोध करने पर उतर गए हैं। प्रशासन थेहड़ से 28 एकड़ भूमि का कब्जा पुरातत्व विभाग को सौंप चुका है। अभी भी करीब 2500 परिवार थेहड़ पर बसे हुए हैं। उनको भी मकान खाली करवाने के आदेश दिए हुए हैं। कुल 85 एकड़ भूमि खाली करवाने के आदेश हैं। इसलिए अभी भी 57 एकड़ भूमि से मकान तोड़कर कब्जा हटवाना है। यहां बता दें कि थेहड़ मामले और नपुंसक केस हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
सिरसा डेरा प्रमुख-थेहड़ केस में शिकायकर्ता बोले, जान का खतरा:विस चुनाव में वापस ली सिक्योरिटी, दोबारा नहीं दी, परिवार सहित बाहर गए
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