ऊत्तराखण्ड सरकार विश्वविख्यात कैंचीधाम आश्रम और भवाली में पर्यटकों की लोड बियरिंग कैपेसिटी (भार सहन श्रमता) नाप रही है. इसके लिए कैंचीं और भवाली मार्ग के बीच में कैमरे लगाने की तैयारी है. नैनीताल के समीप कैंचीं धाम आश्रम में विश्वभर के लोगों की बढ़ती आस्था को देखते हुए नई योजना बनाई जा रही है.
यहां, ऊत्तराखण्ड के चार धामों की तरह ही पर्यटकों अथवा भक्तों के आने की संख्या को रैग्युलेट (नियंत्रित) करने के लिए एक वृहद सर्वे कराया जा रहा है. शासन ने ये जिम्मेदारी जिले के पर्यटन विभाग को सौंपी है.उत्तराखंड टूरिज्म ने शुरू की पहल ऊत्तराखण्ड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड(यू.टी.डी.पी.)की पहल पर चल रहे इस प्रोजेक्ट में पर्यटक, वाहनों की संख्या और क्षेत्र की श्रमता को मापा जाएगा. माना जाता है कि नैनीताल, भीमताल, भवाली, रामगढ़, मुक्तेश्वर के साथ अन्य पर्यटक स्थलों में आए पर्यटक एक बार कैंचीं जरूर जाते हैं, या यूं कहें कि कैंचीं धाम आने वाले पर्यटक इन स्थलों का खासकर नैनीताल का दौरा जरूर करते हैं.
यही वजह है कि यहां की ट्यूरिस्ट लोड बैअरिंग कैपेसिटी परखनी जरूरी है. कैंचींधाम में दो से तीन सीमित संख्या वाली आम पार्किंग हैं जहां भक्त अपनी गाड़ियां खड़ी करते हैं. भक्तों की संख्या और गाड़ियों की तादाद इसके अनुपात में कहीं अधिक है. प्रशासन, कैंचीधाम के समीप एक नई मल्टी स्टोरी कार पार्किंग का निर्माण कर रहा है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों से लगता है जामकैंचीं धाम के मार्ग का मुख्य ट्रांजिट पॉइंट माना जाने वाला भवाली भी भक्तों और पर्यटकों की बड़ी तादाद से लगे जाम से ग्रसित है. सर्वे में कैंचीं धाम के साथ भवाली को भी जोड़ा गया है. नैनीताल के पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि कैंचीं धाम में आने वाले वाहनों और भक्तों/पर्यटकों की सटीक संख्या जानने के लिए मुख्य स्थलों पर सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाए जा रहे है.
बताया कि सीजन और ऑफ सीजन में कैमरे लगे रहेंगे तांकि पर्यटकों और भक्तों के आने की सही सही संख्या मिल सके. कहा कि, बोझ बढ़ने पर इस धार्मिक स्थल में आने वालों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कराई जाने की तैयारी चल रही है. ये भी बताया कि ये कैमरे कैंचीधाम और भवाली के मध्य मार्ग में लगाए जाने वाले हैं.
चारधाम की तर्ज पर अब कैंचीधाम में भी हो रहा ये काम, पर्यटन विभाग को मिली जिम्मेदारी
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