मायावती ने भाषाई और जातीय हिंसा पर जताई गहरी चिंता, BSP चीफ ने कहा- मुंबई देश की…

by Carbonmedia
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने आज रविवार (13 जुलाई) को पार्टी की संगठनात्मक समीक्षा बैठक में दक्षिण और पश्चिम भारत के सात राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में पार्टी की मजबूती और जनाधार बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की. 
लखनऊ स्थित बीएसपी केंद्रीय कैम्प कार्यालय में आयोजित इस बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से 2 मार्च को जारी दिशा-निर्देशों पर हुई प्रगति की रिपोर्ट ली और संगठन की कमजोरियों को दूर करने के निर्देश दिए. इस बैठक में केंद्रीय कोऑर्डिनेटर व प्रभारी राजाराम और अतर सिंह राव सहित सभी राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए.
इस दौरान बसपा प्रमुख ने पार्टी के जनाधार को बढ़ाने तथा देश व जनता के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर गहन समीक्षा की. इसके साथ ही संकीर्ण उद्देश्यों के लिए धार्मिक उन्माद के बाद अब भाषा व जातीय हिंसा आदि के बढ़ते रोग पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए सभी सरकारों से कानून-व्यवस्था के साथ-साथ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि जैसे जनहित के जरूरी मुद्दों पर खास ध्यान देने की मांग की गई.
मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है- मायावती
महाराष्ट्र और तमिलनाडु आदि राज्यों में भाषाई विवाद व उसको लेकर हिंसा की देश भर में ही रही चर्चाओं का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि ऐसी प्रवृति घातक है. जब धर्म क्षेत्र जाति व भाषा आदि की संकीर्ण राजनीति लोगों की देशभक्ति व उनके देश प्रेम पर हावी होने का प्रयास करती है. हर भारतीय को भारतीयता पर गर्व करके कार्य करना चाहिए. खासकर मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, जहां से देश के सभी राज्यों के लोगों का सीधा वास्ता है तथा उन्हें उनके जान, माल व मजहब के सुरक्षा की गारंटी सरकार को जरूर सुनिश्चित करना चाहिए. केन्द्र सरकार को भी इसमें जरूर रूचि लेनी चाहिए.
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर मायावती ने बोला हमला
बसपा चीफ ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में पुल व एक्सप्रेसवे आदि अवस्थापना सुविधाओं में बढ़ रही दुर्घटनाओं व उनमें जान-माल की भारी हानि से देश के किस के प्रति जनता का विश्वास जगमगाता है. इससे सरकारी लापरवाही व भ्रष्टाचार आदि के मामले में उम्मीद को भारी धक्का लगता है, जिससे बचाव के हर उपाय जरूर किए आने चहिए. इसके साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी व सरकार के भीतर, पूर्व की बीजेपी सरकार की तरह ही अनवरत राजनीतिक गुटबाजी, टकराव से उत्पन्न अस्थिरता के माहौल आदि का संज्ञान लेते हुए बीएसपी प्रमुख ने बैठक में कहा कि इससे कानून का राज प्रभावित हो रहा है और खासकर गरीब व दबे-कुचले लोग इसके भुक्तभोगी बन रहे हैं.
घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों की कोई कमी नहीं है
मायावती ने कहा कि यहां भी धार्मिक उन्माद व जातिवाद लोगों के जीवन का त्रस्त कर रहा है. तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु व केरल में हालांकि अलग-अलग पार्टी गंठबंधन की सरकारें हैं किन्तु यहीं भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की स्थिति कोई अलग व बेहतर नहीं है .जैसा कि बीएसपी की यूपी में चार बार रही मेरी हुकूमत में प्रदेश व देश के करोड़ों लोगों ने देखा व अनुभव किया था. इसी लिए पार्टी के लोगों को अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पार्टी व उसके अंबेडकरवादी मिशन में पूरे तन, मन, धन से लगे रहना जरूरी है. हर मुसीबत के समय में पूरी निष्ठा के साथ अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की मदद जरूर करें. क्योंकि मजलूम ही मजलूम का सही मददगार हो सकता है वरना राजनीतिक स्वार्थ के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों की कोई कमी नहीं है.
दक्षिण पश्चिमी भारत से आए कार्यकर्ताओं के मायावती का यह संदेश
मायावती ने अंत में दक्षिण पश्चिमी भारत के राज्यों से आए हुए पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों से कहा कि वे समय निकालकर राजधानी लखनऊ के उन भव्य, विशाल व प्रसिद्ध स्थलों, स्मारकों, पार्कों आदि को देखने जरूर जाएं जो बीएसपी की सरकार द्वारा बहुजन समाज में समय-समय पर जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों में भी खासकर महात्मा ज्योतिबा फुले. श्री नारायणा गुरु, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम आदि के आदर-सम्मान में व उनके स्मृतियों को सजोने के लिए निर्मित किए गये हैं और जिनके प्रति खासकर दलित व बहुजन समाज के लोग तीर्थस्थल के रूप में श्रद्धा रखते हैं. 

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