दुबई में अरब संसद अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से मिले CM मोहन यादव, बताया क्यों खास है MP?

by Carbonmedia
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 19 जुलाई तक दुबई-स्पेन की यात्रा पर हैं. 13 जुलाई को उन्होंने दुबई में अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से शिष्टाचार भेंट की. इस अवसर पर सीएम डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की उद्योग हितैषी, सरल एवं सुगम नीतियों और निवेश को प्रोत्साहन देने वाली सुविधाओं की जानकारी साझा की. उन्होंने अल यामाहि को प्रदेश में आयोजित होने वाली एनर्जी समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रण भी दिया. 
संयुक्त अरब अमीरात के साथ बढ़ते रणनीतिक संबंधों के संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की सक्रिय और रचनात्मक भूमिका का उल्लेख करते हुए ऊर्जा, खनिज, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और हरित निवेश के क्षेत्र में सहयोग की मंशा दोहराई. भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा जताई कि प्रदेश इन द्विपक्षीय साझेदारियों में एक सक्रिय और महत्वपूर्ण भागीदार बनेगा.
सीएम डॉ. यादव ने अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि का अभिनंदन किया और हाल ही में अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि 22 खाड़ी देशों की लोकतांत्रिक संस्था का नेतृत्व करना बड़ी उपलब्धि है और नए अध्यक्ष के नेतृत्व में यह संस्था निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को छुएगी. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि को बताया कि मध्य प्रदेश भारत का हृदय है. इसकी जनसंख्या 8 करोड़ से अधिक है. यह राज्य अपने समृद्ध वन क्षेत्र के लिए जाना जाता है. यह वन क्षेत्र वन्यजीवों का आदर्श घर है. हमें गर्व है कि मध्यप्रदेश “विश्व की टाइगर राजधानी” है और राज्य बाघों के संरक्षण में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इसके मद्देनजर ही हमने टाइगर रिजर्व की संख्या में वृ‌द्धि भी की है. मध्यप्रदेश भारत और एशिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां अब चीता पाए जाते हैं. विभिन्न देशों से लाए गए चीतों का राष्ट्रीय उ‌द्यान में सफल पुनर्वास किया गया है.
हर संभव स्तर पर सहयोग के लिए तैयार- सीएम डॉ. यादवमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में बताया कि मध्य प्रदेश को ‘मोस्ट वेलकमिंग स्टेट’ के रूप में जाना जाता है, जो हमारे आतिथ्य सत्कार को दर्शाता है. हमारे राज्य में खजुराहो, सांची और भीमबेठका जैसे तीन यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं. ये हमारी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं. भौगोलिक रूप से “भारत का हृदय” होने के कारण, यह निवेश-व्यापार के लिए एक रणनीतिक केंद्र है. साथ ही, यह कृषि समृद्धि में भी अग्रणी है, विशेषकर दालों, सोयाबीन और गेहूं के उत्पादन में. हम भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों की हृदय से सराहना करते हैं. हमारी यह आकांक्षा है कि मध्यप्रदेश इन द्विपक्षीय साझेदारियों में एक सक्रिय और महत्वपूर्ण भागीदार बने. हम हर संभव स्तर पर सहयोग के लिए तत्पर हैं.
‘खनिज संसाधनों की खान है मध्यप्रदेश’सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विज्ञान, प्रौ‌द्योगिकी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात ने अभूतपूर्व प्रगति की है. हम आपके अनुभवों से सीखने और इन क्षेत्रों में संयुक्त पायलट प्रोजेक्ट्स में सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं. मध्यप्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में भारी क्षमता है. प्रदेश को भारत का अन्न भंडार भी कहा जाता है. हम सोयाबीन, गेहूं और बाजरा सहित कई फसलों के सबसे बड़े उत्पादक हैं. यहां खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विशाल अवसर मौजूद हैं. हमारे पास प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन उपलब्ध हैं, जो विभिन्न उद्योगों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं.
‘एमपी में कई क्षेत्रों में निवेश के बेहतर अवसर’उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में भारी क्षमता है. हम इस क्षेत्र में बड़े निवेश और सहयोग के लिए तत्पर हैं. हमारे पास गहरे कोयला भंडार हैं और हम कोल बेस्ड मीथेन के निष्कर्षण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में नए आयाम खोलता है. मध्य प्रदेश की हस्तशिल्प, कला और कारीगर परंपरा हमारी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है. हम इन कुशल कारीगरों को वैश्विक मंच प्रदान करना चाहते हैं और उनके शिल्प को दुनिया भर में पहुंचाना चाहते हैं. मध्यप्रदेश में औ‌द्योगिक पार्क, फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी निवेश के उत्कृष्ट अवसर हैं.

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