भगवान राम अपने माता-पिता के आज्ञाकारी पुत्र थे : धर्मपाल

by Carbonmedia
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अमृतसर| बाजार सिरकी बंदा स्थित शिवाला गंगाराम में चल रहे श्री रामचरितमानस पाठ वीरवार पढ़े गए। मंदिर कमेटी की अध्यक्षता में कराए जा रहे पाठ भगवान राम 14 सालों को लिए बनवास को गए। गोस्वामी तुलसीदास के धर्मपाल जी की ओर से किए जा रहे पाठ दौरान कई भक्त शामिल हुए। मंदिर के पंडितों ने सभी विग्रहों की आरती उतारी और बाबा भोले नाथ के शिवलिंग का सुंदर शिंगार किया। पाठ से पहले पवित्र ज्योति जलाई गई। इसी दौरान बाबा भोले नाथ के जैकारों से सारा मंदिर गुंज उठा। पाठ दौरान धर्मपाल जी ने कहा कि भगवान श्री राम माता पिता के आज्ञाकारी पुत्र थे। पिता की आज्ञा मानते प्रभु 14 सालों के लिए वनों में चले गए। इसी दौरान प्रभु ने कई संतों का उदार किया तो कई राक्षसों का वध करके यमलोक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि श्री रामचरित मानस पाठ करने मात्र से मनुष्य के कई पापों का नाश होता है। इस मौके पर भजन मंडलियों ने प्रभु के भजन गाए और अंत में प्रसाद बांटा। गौर है कि यह श्री रामचरित मानस पाठ एक महीने तक चलेंगे। इस मौके पर मंदिर कमेटी समेत कई भक्तजन मौजूद रहे।

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