ठाकरे परिवार पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का निशाना, ‘अब ये मुसलमानी तरीका…’

by Carbonmedia
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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मराठी भाषा, हिंदुत्व समेत कई मसलों को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने हिंदुत्व और मराठी के मसले पर ठाकरे ब्रदर्स को भी घेरा है. शंकराचार्य ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ठाकरे परिवार, जो कभी हार्ड कोर हिंदुत्व के लिए जाना जाता था, उस परिवार में अब मुसलमानी तरीके से अपनी बातों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. ये कहां से किसका प्रभाव पड़ गया पता नहीं.
उन्होंने कहा, ”मारपीट करके अपनी तरफ करना, ये तरीका तो मुसलमानों का है, तो ये तरीका अपनाया जा रहा है. ठाकरे बंधुओं ने जो तरीका अपनाया है वो मुसलमानी तरीका है. पहलगाम में क्या हुआ था, कलमा जानते हो पढ़ो, पढ़ दिया तो छोड़ दिया और नहीं पढ़ा तो मार दिया. उसके बाद क्या हुआ? बच्चे घर पर पूछने लगे, ‘कलमा क्या होता है? फिर उनको इंटनेट के जरिए बताया जाने लगा कि कलमा ये होता है. हर बच्चा कलमा याद करने लग गया. अगर कहीं जरूरत पड़ गई तो कम से कम हम बोल तो सकें. ये डर ही तो है.” 

Mumbai, Maharashtra: Swami Avimukteshwaranand Saraswati says, “Forcing someone to take your side through fear and threats — this is a method typically associated with Muslims, and now the same method is being adopted. What happened in Pahalgam? People were asked, ‘Do you know the… pic.twitter.com/9TjSeK4yWx
— IANS (@ians_india) July 14, 2025

‘मैं मराठी इसलिए नहीं सीख रहा कि किसी से डरता हूं’
मराठी भाषा को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरोप लगाते हुए कहा, ”वैसे ही मराठी पर भी तो यही कर रहे है. इसमें क्या अलग है? इनकी पार्टी का इतिहास तो हिंदू वाली थी लेकिन इनके इस तरीके से अब नहीं लग रहा है. इन्होंने अपनी राजनीति पकड़ने के लिए मराठी पकड़ा. नितेश राणे ने हिन्दू मुस्लिम पकड़ा, दोनो इसमें चमकना चाहते हैं. मराठी मैं इसलिए नहीं सीख रहा कि मैं किसी से डरता हूं. अगर डरता तो मैं सिर्फ मराठी सीखता क्या और डरकर कोई भाषा सीखता है क्या?
मराठी भाषा विवाद को लेकर क्या बोले शंकराचार्य?
मराठी भाषा को लेकर उन्होंने आगे कहा, ”बस कुछ अक्षर और उच्चारण का ही फर्क है. यह विवाद खत्म हो चुकी राजनीति को फिर से शुरू करने का है. यह इनकी खत्म राजनीति का मुद्दा है. इनको मराठी सीखने में कोई रुचि नहीं है, इसके पीछे मंशा कुछ और है. मराठी सीखने पर इतने उत्सुक हैं कि लोगों को मारने पीटने पर आ रहे हैं. अब तक तो आपको 100-200 स्कूल खोल देने चाहिए.”
बिहार चुनाव पर शंकराचार्य की प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ”बिहार में जो पार्टी या नेता गौ माता को सम्मान देने के समर्थन में रहेगा उसका आगे बढ़ना तय है. महाराष्ट्र चुनाव के दौरान मैने कहा था तब यहां की सरकार ने तो सुना था बाकी राज्यों में नहीं समझा. मैं तो कहता हूं जो गौ माता का समर्थन करे, वही प्रत्याशी खड़ा हो सिर्फ उसको ही समर्थन मिलेगा. पूरे देश में कालनेमी अभियान चलना चाहिए, कालनेमी हर जगह है हनुमान कही नहीं दिख रहे हैं.”
छांगुर बाबा पर क्या बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छांगुर बाबा को लेकर कहा, ”500 करोड़ एक दिन में नहीं बनाया न. इसमें लंबा समय लगा होगा लेकिन रडार में कैसे नहीं आया? इसका मतलब प्रशासन भी सोया है.”
कांवड़ यात्रा को लेकर शंकराचार्य की राय
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ”कावड़ यात्रा में सतर्कता की जरूरत है, बाधाओं से डरना नहीं है. यह असुरी शक्तियां विघ्न डालती ही है. जो हमारा ना हो हमारे जैसा बनकर आए और कुछ करके वीडियो बनाकर चला जाए, सतर्क रहें. अब तो नाम वही रहता है धर्म बदल देते हैं, आप नाम पूछकर पहचान नहीं पाएंगे. राम नाम है तो जरूरी नहीं हिन्दू है. अब इन्होंने नाम वही रखकर धर्म बदला है. अपनी पवित्रता आप खुद रखिए, हिंदू कभी पकाया हुआ खाना नहीं बेचता. पकाया खाना बेचने वाला हिंदू नहीं है इसलिए पूर्वज सत्तू और फल लेकर चलते थे.” 

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