पंजाब के लुधियाना निवासी अब सावधान हो जाए। वॉट्सऐप पर वायरल हो रही फर्जी APK चालान फाइलों से सावधान रहें! ये फर्जी लिंक हैं जो आपका निजी डेटा और पैसे चुरा सकते हैं। साइबर अपराधी अब पैसे चुराने का एक नया तरीका अपना रहे हैं। वे अनजान लोगों को फर्जी संदेश भेजकर बताते हैं कि उनके नाम पर ऑनलाइन चालान जारी किया गया है और APK लिंक शेयर करके लोगों से लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि ट्रैफिक पुलिस के संदेशों जैसे दिखने वाले ये संदेश आम आदमी को आसानी से निशाना बना सकते हैं। जैसे ही आप इस पर क्लिक करके APK फाइल डाउनलोड करते हैं, आपका बैंक खाता, इंटरनेट मीडिया अकाउंट और सभी निजी जानकारी साइबर ठगों तक पहुंच सकती है। लुधियाना साइबर सेल को भी इस मामले में शिकायतें मिली हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो अपलोड किया है। पुलिस द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में कहा गया है कि इस धोखाधड़ी में, साइबर अपराधी ट्रैफिक पुलिस या किसी सरकारी एजेंसी के अधिकारी होने का दावा करते हुए, वॉट्सऐप, एसएमएस या ईमेल के ज़रिए फर्ज़ी चालान संदेश भेजते हैं। इसमें कहा जाता है कि आपके वाहन ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है और आपको जुर्माना भरना होगा। साथ ही, एक APK फाइल (जैसे e-parivahan.apk) या एक लिंक दिया जाता है, जिसमें दावा किया जाता है कि आप चालान का विवरण देख सकते हैं या जुर्माना भर सकते हैं। जालसाज़ आपसे भुगतान करने के लिए इस ऐप को इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं। जब कोई व्यक्ति इस फाइल को डाउनलोड करके ऐप इंस्टॉल करता है, तो ऐप फ़ोन की संवेदनशील जानकारी जैसे एसएमएस, कॉन्टैक्ट्स, बैंकिंग ऐप, पासवर्ड और ओटीपी का एक्सेस मांगता है। यह एक्सेस प्राप्त होते ही, ठग फ़ोन को हैक कर लेते हैं या उसे अपने रिमोट पर ले लेते हैं और मोबाइल बैंकिंग या यूपीआई के ज़रिए खाते से पैसे चुरा लेते हैं। APK क्या है?
APK यानी एंड्रॉइड पैकेज किट एक फeइल फॉर्मेट है जिसका इस्तेमाल एंड्रॉइड मोबाइल में ऐप्स को मैन्युअल रूप से इंस्टॉल करने के लिए किया जाता है। जब कोई ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जाता है, तो वह अपने आप इंस्टॉल हो जाता है। अगर आप किसी वेबसाइट या लिंक से APK फाइल डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं, तो वह फाइल आपके फ़ोन के लिए ख़तरनाक हो सकती है। ऐप डाउनलोड करने के बाद क्या करें?
अगर आपने APK से ऐप डाउनलोड किया है, तो तुरंत अन इंस्टॉल कर दें। मोबाइल सेटिंग्स में जाकर सभी परमिशन हटा दें। साथ ही, अपने बैंक, UPI और सोशल मीडिया पासवर्ड भी तुरंत बदल दें। फिर भी अगर पैसे निकाले गए हैं या आपको ब्लैकमेल किया जा रहा है, तो साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं। आप साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। ऐसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान
असली चालान मैसेज सरकार की आधिकारिक SMS आईडी से आता है। इसमें किसी भी APK फ़ाइल या संदिग्ध लिंक का ज़िक्र नहीं होता। असली चालान की जानकारी के लिए आप सरकारी वेबसाइट https://echallan.parivahan.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। वहां आपको गाड़ी का RC नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर डालना होगा। इससे आपको जानकारी मिल जाएगी। दूसरी ओर, फर्जी चालान संदेशों में भय फैलाने वाली भाषा का प्रयोग किया जाता है और APK फ़ाइल डाउनलोड करने या किसी लिंक पर क्लिक करने का दबाव भी बनाया जाता है। पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा बोले…
पुलिस नियमित रूप से डिजिटल माध्यमों या जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को जागरूक करती रही है। लोगों को ऑनलाइन आने वाले ऐसे संदेशों से सावधान रहना चाहिए। अगर कोई साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
लुधियाना निवासी अब सावधान !:ई-चालान के फर्जी मैसेज भेज रहे ठग,वॉट्सऐप पर वायरल हो रही फर्जी APK चालान फाइलें
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