Congress Strategy For Monsoon Session: कांग्रेस ने संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है. दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
प्रमुख मुद्दे जो विपक्ष द्वारा सत्र में उठाए जाएंगे
1. पहलगाम आतंकी हमला
तीन महीने बीत जाने के बावजूद हमलावरों का कोई सुराग नहीं
सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और जांच एजेंसियों की नाकामी
दोषियों को पकड़ने और सजा दिलाने में विफलता
2. भारत-पाक संघर्ष विराम और ट्रंप की मध्यस्थता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाक मध्यस्थता के दावों पर सरकार की चुप्पी
भारत सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट और आधिकारिक जवाब की मांग
3. चुनावों में धांधली के आरोप
महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार में चुनावी गड़बड़ियों के आरोप
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की मांग
4. महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध
विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में बढ़ते अपराध
महिला और अनुसूचित जातियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चर्चा
5. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा
बार-बार आश्वासन के बावजूद स्थिति जस की तस
पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग दोहराई जाएगी
कांग्रेस ने सभी मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में मजबूती से आवाज़ उठाने का निर्णय लिया है. बैठक के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मीडिया को बताया कि पार्टी ने सत्र के दौरान कई गंभीर मुद्दों को उठाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक आतंकियों का कोई पता नहीं चल पाया है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये आतंकी कहां गायब हो गए? उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा देने में नाकाम रही है और दोषियों को पकड़ने और सजा दिलाने में भी असफल रही है.
तिवारी ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा किया गया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की थी, जबकि उस समय भारत की स्थिति मजबूत थी. उन्होंने कहा कि इस पर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है और कांग्रेस इस पर सरकार से जवाब मांगेगी.
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मानसून सत्र से पहले INDIA गठबंधन दलों की एक बैठक होगी, जिसमें साझा रणनीति बनाई जाएगी और दोनों सदनों में एकजुट होकर मुद्दों को उठाया जाएगा.
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