इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने कांवड़ यात्रा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. उन्होंने कांवड़ यात्रा से आम लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनजर गृह मंत्री को यह पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कांवड़ यात्रा अत्यधिक धार्मिक उन्माद की वजह बन रही है. छोटी-छोटी सी बात पर गाड़ियों और रिक्शाओं और ढाबों और होटलों को निशाना बनाया जा रहा है. मौलाना कौसर हयात ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में कांवड़िए लोगों को निशाना बना रहे हैं.
मौलाना कौसर हयात खान ने गृहमंत्री अमित शाह को भेजे लेटर में लिखा-“कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है परन्तु इसको एक खास मानसिकता के तहत उत्पात आयोजन बना दिया गया है. जब से कांवड़ यात्रा शुरू हुई है तब से लगातार उत्पात और हिंसा का माहौल बन गया है.” अत्यधिक धार्मिक उन्माद की वजह से छोटी छोटी मामूली बातों को लेकर कांवड़ियों द्वारा मारपीट करना और कार, मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा व अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त करना और ढाबों व खानों की दुकानों पर उत्पात मचाना एक आम बात हो गई है. और यह सब कुछ पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है. कुछ जगहों पर तो कांवड़ियों का पुलिस से भी टकराव हुआ है जिसमें पुलिस के लोग भी जख्मी हुए हैं.
उत्पाती तत्वों को खुली छूट दे रखी है
मौलाना ने आगे कहा एक तरफ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की प्रदेश सरकारों व उनके अधिकारियों द्वारा बयान जारी किए गए कि कांवड़ियों को पूरी सुरक्षा व सहूलियत प्रदान की जायेगी और उसके लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल को तैनात किया गया है. वहीं दूसरी तरफ आम नागरिकों की सुरक्षा को अनदेखा किया गया है. पुलिस की मौजूदगी में कांवड़ियों द्वारा आम नागरिकों, औरतों व छोटे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार से संदेश मिलता है कि सरकार व सरकारी तंत्र या तो आम नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है या फिर उन्होंने उत्पाती तत्वों को खुली छूट दे रखी है. कांवड़ यात्रा में कानून व्यवस्था बिल्कुल ठप होकर रह गई है.”
मीट की दुकानें बंद होने से लाखों लोग बेरोजगारी से जूझ रहे
मौलाना कौसर हयात खान कहा कि कांवड़ यात्रा में मुख्य मार्गों पर यातायात आम जनता के लिए प्रतिबंधित करने से भी अराजकता व अशांति पैदा हुई है. देश की करोड़ों जनता को भारी बहुत कष्ट व कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जनता को अपनी रोजमर्रा की निजी यात्रा पर ज्यादा समय व ज्यादा धन खर्च करना पड़ रहा है. इसके अलावा कांवड़ यात्रा पर मीट की दुकानों व होटलों को बन्द किया गया है जबकि शराब की दुकानें यथावत खुली हैं. मीट की दुकानें बंद होने से लाखों लोग बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे हैं. सरकार के इस कदम से आम जनता में असंतोष की भावना पैदा हुई है. यह सरासर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई है.
यूपी सीएम और यूपी DGP को भी लिखा था पत्र
उन्होंने कहा इस संदर्भ में पिछले साल भी 15 जुलाई 2024 को माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और 1 अगस्त 2024 को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को पत्र लिखा गया था. परन्तु सरकार ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया. अतः देशहित में मेरा सुझाव है प्रदेश सरकारों को कड़े निर्देश दिए जाएं कि वो कांवड़ यात्रा में समुचित व्यवस्था के लिए निम्नलिखित व्यवस्था करें.
1- कांवड़ यात्रा के लिए मुख्य मार्गों व शहरों के मध्य मार्गों को छोड़कर बदले मार्गो (corridor) की व्यवस्था की जाए और मुख्य मागों पर यातायात जारी किया जाए.
2- मीट की दुकानों व होटलों से प्रतिबंध हटाया जाए.
3- कांवड़ यात्रा में शामिल अराजक तत्वों द्वारा मारपीट व सम्पति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं का तुरंत संज्ञान लिया जाए और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.
4- कांवड़ यात्रा के दौरान आम यात्रियों एवं दुकानदारों की जान-माल की सुरक्षा की खासतौर पर व्यवस्था की जाए और कांवड़ यात्रियों के उत्पात की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाए.
‘मीट की दुकानों से प्रतिबंध हटाएं’, कांवड़ यात्रा के बीच यूपी के मौलाना का अमित शाह को लेटर
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