आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और हमारी बिगड़ी हुई फूड हैबिट्स की वजह से शरीर में ढेरों बीमारियां पनप रही हैं. इन्हीं में से एक है यूरिक एसिड की समस्या, जो सीधे तौर पर हमारे गलत खान-पान से जुड़ी है. जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है, तो यह कई गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकता है. वैसे तो, यूरिक एसिड हमारे शरीर में बनने वाला एक वेस्ट प्रोडक्ट है. ये हम जो कुछ भी खाते हैं, खासकर प्यूरीन वाली चीजों के ऑर्ब्जाबशन से बनता है. आम तौर पर, हमारी किडनी इसे छानकर पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती है.
कभी-कभी या तो हमारा शरीर जरूरत से अधिक यूरिक एसिड बनाने लगता है, या फिर किडनी इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती. ऐसे में, ये यूरिक एसिड हमारे खून में जमा होने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं. जब ये अतिरिक्त यूरिक एसिड खून में बढ़ता है, तो ये छोटे-छोटे, नुकीले क्रिस्टल बन जाते हैं. सोचिए, कांच के छोटे-छोटे टुकड़े! ये क्रिस्टल फिर हमारे जोड़ों और शरीर के दूसरे हिस्सों में जमा होने लगते हैं और यहीं से शुरू होती है ढेर सारी दर्दनाक और गंभीर परेशानियां.
यूरिक एसिड बढ़ने से होती हैं ये दिक्कतें
गाउट या जोड़ों का असहनीय दर्द: यूरिक एसिड बढ़ने का ये सबसे आम और सबसे अधिक दर्दनाक नतीजा है. जब ये यूरिक एसिड क्रिस्टल हमारे जोड़ों में घुस जाते हैं, तो अचानक से इतना तेज दर्द उठता है कि आप हिल भी नहीं पाते. अक्सर ये दर्द पैर के अंगूठे, टखनों, घुटनों और उंगलियों में होता है. जिस जोड़ में ये होता है, वो सूज जाता है, लाल पड़ जाता है और छूने पर बहुत गरम लगता है.
किडनी स्टोन: बढ़ा हुआ यूरिक एसिड सिर्फ जोड़ों तक ही सीमित नहीं रहता, ये हमारी किडनी में भी क्रिस्टल बना सकता है. ये क्रिस्टल धीरे-धीरे बड़े होकर पथरी बन जाते हैं. अगर ये पथरी बड़ी हो जाए, तो ये पेशाब के रास्ते को ब्लॉक कर सकती है. इससे आपको पीठ के निचले हिस्से या पेट में जानलेवा दर्द, पेशाब में खून, बार-बार पेशाब आना, उल्टी और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
किडनी डैमेज: हमारी किडनी का काम है खून से गंदगी को फिल्टर करना, जिसमें यूरिक एसिड भी शामिल है. जब यूरिक एसिड लगातार बढ़ा रहता है, तो हमारी किडनी पर बहुत अधिक बोझ पड़ता है. ये क्रिस्टल धीरे-धीरे किडनी के अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं, जिससे आगे चलकर क्रोनिक किडनी डिजीज और किडनी फेलियर का भी खतरा बढ़ जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर: शायद आपको जानकर हैरानी हो, पर रिसर्च बताती है कि बढ़ा हुआ यूरिक एसिड हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा हो सकता है. यूरिक एसिड हमारी ब्लड वेसल्स को सिकोड़ सकता है और उन्हें सख्त बना सकता है. इससे खून का फ्लो ठीक से नहीं हो पाता और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
मेटाबॉलिक सिंड्रोम: मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक बंडल है, जिसमें पेट के चारों ओर मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, हाई ट्राइग्लिसराइड्स शामिल है. कई रिसर्च बताती हैं कि यूरिक एसिड इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है, जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम का एक बड़ा कारण है.
हार्ट डिजीज का रिस्क: जब यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा होता है, तो ये हमारी ब्लड वेसल्स में सूजन और स्ट्रेस पैदा कर सकता है. इससे वेसल्स की अंदरूनी परत डैमेज होती है और वे सख्त व कम लचीली हो जाती हैं. समय के साथ, ये हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों और यहां तक कि अचानक हार्ट अटैक के जोखिम को भी बढ़ा सकता है.
अक्सर, यूरिक एसिड बढ़ने के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए अपनी सेहत पर नजर रखना और समय-समय पर जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है. अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से जरूर मिलें.
ये भी पढ़ें: हार्ट से लेकर किडनी तक, ज्यादा नमक खाने से ये चीजें हो सकती हैं खराब
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.