बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और विशेष रूप से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ज्ञानेश कुमार गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए. तेजस्वी ने कहा कि “अब चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था नहीं रह गया है, बल्कि वह बीजेपी के दफ्तर से संचालित हो रही एक यूनिट बन चुका है.”
ज्ञानेश गुप्ता चुप क्यों हैं?- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि जब यह बिहार का अब तक का सबसे बड़ा मतदाता सूची संशोधन अभियान है, तो फिर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अब तक एक भी बार सामने क्यों नहीं आए. तेजस्वी ने कहा, “हमने आयोग से कई बार मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट हिदायतों के बावजूद, गुप्ता सिर्फ ऑफ द रिकॉर्ड मीडिया से बात कर रहे हैं.”
35 लाख नामों की कटौती पर संदेह
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि यह साजिश के तहत किया जा रहा एक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा, “35 लाख वोटरों के नाम सूची से हटाए जाने की बात पहले ‘सूत्रों’ के हवाले से मीडिया में आई, और फिर वही आंकड़ा चुनाव आयोग ने दोहराया. यह पहले से तय स्क्रिप्ट का हिस्सा लगता है. जब प्रक्रिया अभी जारी है, तो पहले से संख्या कैसे तय हो गई?”
‘BLO भाजपा नेताओं के साथ सूची तैयार कर रहे’
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) भाजपा नेताओं के साथ मिलकर मतदाता सूची तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “दरभंगा समेत कई जगहों पर BLO बीजेपी नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं, जिसका वीडियो भी वायरल हो चुका है. ये लोकतंत्र की खुली लूट है.”
उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को जिनके नाम काटे जा रहे हैं, उनकी पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए. वे कौन हैं, उनका आधार क्या है, वे ज़िंदा हैं या नहीं, बिहार में मौजूद हैं या नहीं.
तेजस्वी ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, वे भाजपा द्वारा सुझाए गए नाम हैं. उन्होंने कहा, “ज्ञानेश गुप्ता बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं, बल्कि एक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है.”
सरकारी योजनाओं पर पड़ेगा असर
तेजस्वी ने आगाह किया कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटते हैं तो आम लोगों को राशन, पेंशन और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, “कई सरकारी योजनाएं वोटर लिस्ट से जुड़ी होती हैं. नाम हटने का सीधा असर लोगों के हक पर पड़ेगा.”
यादव और दियारा क्षेत्रों को बनाया जा रहा निशाना
तेजस्वी का दावा है कि यादव बहुल इलाकों और दियारा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नाम हटाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “12–15% वोटरों के नाम हटाने का डिजाइन तैयार किया गया है, खासकर उन लोगों का जो कुछ महीनों से बिहार से बाहर हैं.”
INDIA गठबंधन में उठेगा मुद्दा
तेजस्वी यादव ने बताया कि 19 जुलाई को होने वाली I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम सभी सहयोगी दलों को पत्र भेज रहे हैं ताकि इस लोकतांत्रिक खतरे के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई जा सके.”
नीतीश कुमार पर भी उठाए सवाल
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी सवाल उठाया कि “जब एनडीए के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने भी मतदाता सूची संशोधन पर सवाल उठाए हैं, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खामोश क्यों हैं?” उन्होंने कहा कि यह चुप्पी संदिग्ध है और इसमें भी राजनीतिक साजिश की बू आती है.
Bihar: ज्ञानेश गुप्ता की चुप्पी पर तेजस्वी का वार, पूछा- क्या स्क्रिप्ट पर चल रहा चुनाव आयोग
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