Microsoft Copilot vs ChatGPT: भले ही Microsoft ने AI की दुनिया में बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई हों और भारी निवेश किया हो लेकिन उसकी AI असिस्टेंट सेवा Copilot अब भी ग्लोबल चैटबॉट रेस में पिछड़ती नजर आ रही है. Sensor Tower के ताज़ा आंकड़े, जिन्हें Bloomberg ने रिपोर्ट किया है बताते हैं कि अब तक Copilot को करीब 7.9 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है, जबकि मुकाबले में OpenAI का ChatGPT कहीं आगे निकल चुका है.
ChatGPT की अब तक की डाउनलोड संख्या 90 करोड़ को पार कर चुकी है जिससे Microsoft की संख्या काफी फीकी लगती है. वहीं Google का Gemini 20 करोड़ डाउनलोड के साथ दूसरे नंबर पर है और DeepSeek 12.7 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर. Copilot चौथे पायदान पर पहुंच पाया है जो कि रेस में उसकी पिछड़ती स्थिति को साफ दर्शाता है.
Microsoft एआई पर कर रही खर्च
यह फासला उस समय सामने आया है जब Microsoft एआई की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड स्तर पर खर्च कर रहा है. कंपनी ने 2025 में अपने फिस्कल ईयर के दौरान 80 अरब डॉलर सिर्फ AI-आधारित डेटा सेंटर्स में लगाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही AI टैलेंट को बनाए रखने के लिए मोटी सैलरी और बोनस भी तय किए गए हैं. इनमें से अधिकांश निवेश Copilot और कंपनी की जेनेरेटिव AI योजनाओं से जुड़े हैं.
लेकिन सच्चाई यही है डाउनलोड के आंकड़े झूठ नहीं बोलते. Copilot की रफ्तार धीरे है, और यूज़र्स का रुझान भी कम नज़र आ रहा है. इसकी एक वजह गुणवत्ता से जुड़ी चिंताएं हैं. लॉन्च के समय से ही Copilot को reasoning, creativity और संवाद कौशल के मामले में ChatGPT से पीछे माना गया है जबकि दोनों टूल्स एक जैसी AI टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं, जिन्हें Microsoft ने OpenAI से लाइसेंस किया है.
Microsoft का जवाब
अप्रैल में कंपनी के 50 साल पूरे होने पर Microsoft ने Copilot के नए वर्जन की झलक दिखाई, जिसमें पर्सनलाइजेशन पर फोकस किया गया. AI हेड मुस्तफा सुलेमान ने कहा कि आने वाले समय में हर यूज़र का Copilot उसके व्यवहार और पसंद के अनुसार ढल जाएगा हर एक का अंदाज़ और नाम अलग होगा. यह शुरुआत है उस भविष्य की जहां AI आपके साथ एक ‘साथी’ की तरह पेश आएगा.
इसी दिशा में Microsoft India के सीनियर डायरेक्टर भास्कर बसु ने India Today को दिए इंटरव्यू में कहा कि Copilot बाकी AI असिस्टेंट्स से अलग इसलिए है क्योंकि यह यूज़र को न केवल इंटरफेस लेवल पर, बल्कि OpenAI प्लेटफॉर्म लेयर पर भी कंट्रोल देता है. यूज़र चाहें तो खुद का Copilot भी बना सकते हैं. हालांकि, यह वही फीचर है जो ChatGPT पहले से ही कई महीनों से दे रहा है जिससे Microsoft के “फर्क” पर सवाल उठ रहे हैं.
OpenAI पर निर्भरता भी बनी चुनौती
Microsoft के लिए एक और जटिल बात ये है कि Copilot जिसकी वो मार्केटिंग एक प्रतिस्पर्धी के रूप में कर रहा है, असल में OpenAI के GPT मॉडल पर ही काम करता है. यानी Microsoft उस कंपनी का ग्राहक भी है और प्रतिद्वंद्वी भी जिसने सबसे ज़्यादा डाउनलोड वाला चैटबॉट बनाया है.
हालांकि Microsoft ने एंटरप्राइज AI के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई है खासकर अपने Azure क्लाउड और प्रोडक्टिविटी टूल्स के जरिए लेकिन आम यूजर्स के बीच Copilot अब भी उतनी लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाया है.
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