भास्कर न्यूज | अमृतसर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग द्वारा पत्रकारिता दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्यानगर, आनंद (गुजरात) के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप मेहरा बतौर वक्ता उपस्थित थे। हिंदी-विभाग के अध्यक्ष और डीन प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि प्रो. दिलीप मेहरा की अब तक 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें 4 कहानी संग्रह, एक लोक साहित्य और 30 आलोचना ग्रंथ हैं। इनमें कहानी-संग्रह ‘मकान पुराण’ साहित्य अकादमी, गुजरात द्वारा पुरस्कृत कृति है। प्रो. मेहरा की साहित्यिक सेवाओं के लिए हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के 76वें अधिवेशन में इन्हें ‘साहित्य महोपाध्याय’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। ‘साहित्य-वीथिका’ नामक अर्धवार्षिक पत्रिका के सम्पादन कार्य से जुड़े हैं। साथ ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कई व्यंग्यात्मक कविताएं भी प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। यह दिन उस ऐतिहासिक पल की याद दिलाता है जब भारत में पहली बार कोलकाता से हिंदी भाषा में अखबार प्रकाशित हुआ और इस अखबार के संपादक व प्रकाशक पंडित जुगल किशोर शुक्ल थे। ‘उदंत मार्तंड’ नाम के साप्ताहिक अखबार ने भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी थी। 30 मई 1826 को ‘उदंत मार्तंड’ के प्रकाशन के साथ ही भारत में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत हुई थी। पहले अंक के प्रकाशन के सिर्फ 6 महीने बाद ही इसे बंद कर देना पड़ा। अखबार बंद तो जरूर हो गया, लेकिन इसने ऐसी चिंगारी भड़काई, जिसकी आग आज भी बरकरार है और हिंदी पत्रकारिता के रूप में इसने एक विशाल स्वरूप ले लिया है। यही वजह है कि आज के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
भारत में पहली बार कोलकाता से हिंदी भाषा में प्रकाशित हुई थी अखबार
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