भास्कर न्यूज | अमृतसर बाजार सिरकी बंदा स्थित शिवाला गंगाराम में चल रहे श्री रामचरितमानस पाठ में शुक्रवार को भरत अपने बड़े भाई राम जी को वापस लेने पहुंचा। मंदिर कमेटी और धर्मपाल जी की ओर से की जा रही कथा को सुनने कई भक्त पहुंचे। पाठ से पहले भगवान राम जी की आरती उतारी। इसके बाद पाठ करते धर्मपाल ने कहा कि भगवान श्री राम पिता की आज्ञा से 14 सालों के बनवास को चले गए। इसके पता जब भरत को चला तो वह प्रभु राम को लेने जंगलों में पहुंचा गया। भरत भाई राम को अयोध्या वापस चलने को कहते हैं पर प्रभु नहीं मानते और उन्हें अपने पैरों की खड़ाऊ दे देते हैं। भरत प्रभु राम की खड़ाऊ लेकर चले जाते हैं। अयोध्या पहुंचते ही भरत प्रभु की खड़ाऊ सिंहासन पर रखकर पूजा करने लगते है। इसी दौरान भक्तों ने प्रभु श्री राम की जयकार बुलाई। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने मिलकर पाठ करने वालों को चाय समेत कई तरह का प्रसाद बांटा। इस मौके पर कई भक्तजन मौजूद रहे।
श्री रामचरितमानस पाठ में भरत प्रभु राम को लेने जंगलों में पहुंचे : धर्मपाल
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