पंजाब के फरीदकोट में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में क्लिनचिट ले चुके जीवनजोत सिंह उर्फ जुगनू और उसके ड्राइवर यादविंदर सिंह की मंगलवार को गोलियां चलाई गईं थी। जिसमें जुगनू के ड्राइवर यादविंदर सिंह की मौत हो गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी विदेश अर्मेनिया में बैठे गैंगस्टर लक्की पटियाल द्वारा ली गई है। ये घटना फरीदकोट के कोटकपूरा के पास ब्राह्मणवाला गांव में मंगलवार को हुई थी। बाइक पर सवार तीन शूटरों ने एंडेवर कार पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें कार में बैठे यादविंदर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। मृतक मोहाली का रहने वाला था। जुगनू का नाम पहले सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी सामने आया था, लेकिन बाद में उसे क्लीनचिट मिल गई थी। पुलिस ने बताया कि यह हमला दरअसल जुगनू को निशाना बनाकर किया गया था, लेकिन वह गुरुद्वारा साहिब से दूसरी गाड़ी में बैठकर निकल गए। बता दें कि जुगनू पर मूसेवाला की रेकी करने और गैंगस्टरों को जानकारी मुहैया करवाने का आरोप था। हालांकि पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज जुगनू को आरोपी नहीं साबित कर सके। जिसके चलते कोर्ट ने जुगनू को केस से क्लीनचिट दे दी थी। जैसा लक्की पटियाल द्वारा शेयर की गई पोस्ट में लिखा गया सत श्री अकाल जी सभी भाइयों को। आज जो ब्राह्माणवाला (कोटकपूरा) में यादविंदर का कत्ल हुआ, उसकी जिम्मेदारी हम लेते हैं। हमला जुगनू और यादविंदर दोनों पर करना था। 29 मई 2022 को जब पुलिस ने सिद्धू मूसेवाला केस में जुगनू का नाम डाला तो था, मगर जुगनू ने सरकार में पकड़ दिखाते हुए अपना नाम लिस्ट से बाहर निकलवा लिया था। जब सब के सामने जुगनू कहता था कि हमारा किसी ने क्या बिगाड़ लिया। पैसे और पावर से आप सरकार की लिस्ट से नाम निकलवा सकते हो, मगर हमारी लिस्ट से नहीं। जो भी व्यक्ति जितनी सजा का हकदार है, उसे उसनी सजा मिलकर रहेगी। हमारी तरफ से पहले ही चेतावनी थी, अब जो भी जुगनू के साथ रहेगा, उसे भी नुकसान होगा। बस देखते रहो, नंबर सबका आएगा। जो जुगनू के साथ रहेंगे, वही भुगतेंगे। वेट एंड वॉच। पुलिस इस धमकी भरे पोस्ट की भी जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। 3 साल पहले हुई थी मूसेवाला हत्या सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई, 2022 को पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव में हुई थी। वह अपनी थार जीप में दो दोस्तों के साथ जा रहे थे, जब उन पर हमलावरों ने गोलियां चलाईं। हमलावरों में 6 शूटर शामिल थे, जो लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के थे। इस हत्याकांड को गोल्डी बराड़ ने कनाडा से बैठकर प्लान किया था, जिसमें लॉरेंस का भाई अनमोल और भतीजा सचिन थापन भी शामिल थे। कौन है गैंगस्टर लक्की पटियाल? आर्मेनिया से चला रहा गैंग पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान समेत कई राज्यों में खौफ का दूसरा नाम बन चुका गौरव पटियाल उर्फ लक्की पटियाल इस वक्त पंजाब पुलिस की वांटेड लिस्ट में सबसे ऊपर है। चंडीगढ़ के धनास इलाके का रहने वाला लक्की पटियाल कभी एक सामान्य युवक था, लेकिन धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में ऐसा उतरा कि आज उसकी गिनती सबसे शातिर गैंगस्टरों में होती है। जेल से लेकर आर्मेनिया तक का सफर लक्की पटियाल को पहले हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के कई मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पंजाब और हरियाणा पुलिस की नजर में आते-आते उसने अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया। बाद में जेल से बाहर आने के बाद वह पुलिस से बचकर आर्मेनिया भाग गया। अब वहीं से वह अपना गैंग ऑपरेट कर रहा है। बंबीहा गैंग के सरगना दविंदर बंबीहा की मौत के बाद उसने इस गैंग की कमान संभाली और इसे और मजबूत किया। पढ़ें कहां-कहां फैला है लक्की पटियाल का नेटवर्क गैंगस्टर लक्की पटियाल का गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। गैंग में करीब 300 से ज्यादा शूटर शामिल बताए जाते हैं। उसने दिल्ली-एनसीआर में भी अपना नेटवर्क फैलाने के लिए सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया, हरियाणा के गैंगस्टर कौशल चौधरी और नीरज बवाना गैंग के साथ गठजोड़ किया। पटियाल पर कई मर्डर, डकैती, रंगदारी और गैंगवार के केस दर्ज हैं। लक्की पटियाल अभी भी आर्मेनिया में बैठकर अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। पंजाब पुलिस उसे भारत लाने के लिए लगातार आर्मेनियाई प्रशासन के संपर्क में है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। पढ़े लक्की पटियाल द्वापा करवाई गई पंजाब में दो प्रमुख हत्याएं
फरीदकोट के यादविंदर हत्याकांड की जिम्मेदारी लक्की पटियाल ने ली:बोला-मूसेवाला हत्याकांड में क्लीनचिट सरकारी पहुंच से मिली, अर्मेनिया से चला रहा बंबीहा गैंग
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