गुरुग्राम जिले के मंदिरों में सावन महीने की शिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। शहर बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। सुबह से ही मंदिरों में शिव की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।कादीपुर, घंटेश्वर, भूतेश्वर मंदिर और माता शीतला परिसर स्थित शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ दिखी। शिवलिंग अनादि और अनंत था पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग के रूप में हुआ था। यह शिवलिंग अनादि और अनंत था। कहा जाता है कि ब्रह्माजी हंस रूप में शिवलिंग के ऊपरी भाग को खोजने गए, लेकिन सफल नहीं हुए। भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर शिवलिंग का आधार ढूंढने का प्रयास किया, पर वे भी असफल रहे। दर्शन मात्र से सभी पाप दूर मंदिरों में भक्तों ने शिवजी का जलाभिषेक किया। श्रद्धालु निरंतर मंदिरों में पहुंचते रहे और पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि इस दिन शिव के दर्शन मात्र से सभी पाप और दुख दूर हो जाते हैं। शिवरात्रि को शिव पूजा का सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस दिन की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गुरुग्राम में शिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु:कांवड़ियों ने किया जलाभिषेक, सुबह से ही भक्तों की लाइनें लगी
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