Jharkhand: झारखंड हाई कोर्ट को मिले नए मुख्य न्यायाधीश, जानिए कौन हैं जस्टिस तरलोक सिंह चौहान?

by Carbonmedia
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झारखंड की राजधानी रांची में आज (23 जुलाई) राजभवन परिसर में एक गरिमामय समारोह में जस्टिस तरलोक सिंह चौहान (Tarlok Singh Chauhan) ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के 17वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार (Santosh Kumar Gangwar) ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
जस्टिस चौहान की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 मई 2025 को सिफारिश की गई थी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) हाई कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश रहे हैं.  
एम. एस. रामचंद्र राव का स्थान लेंगे जस्टिस तरलोक सिंह चौहान
झारखंड के मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस तरलोक सिंह चौहान न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव का स्थान लेंगे. की नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 26 मई को की गई सिफारिश पर की. वे न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव के स्थान पर आए हैं. 2014 से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे हैं. 
न्यायिक सेवा में लंबा अनुभव, पंजाब यूनिवर्सिटी की लॉ की पढ़ाई
जस्टिस चौहान का जन्म 9 जनवरी 1964 को हुआ था. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से विधि की पढ़ाई पूरी की और साल 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में बतौर वकील पंजीकृत हुए. वे विभिन्न विधिक क्षेत्रों में प्रैक्टिस करते रहे. साल 2014 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और बाद में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए. उनके न्यायिक अनुभव को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें झारखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की थी.
अपने लंबे और विविध कानूनी करियर के दौरान, जस्टिस चौहान ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार के रूप में सेवाएं दीं. उन्होंने विभिन्न सरकारी बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, निजी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और सहकारी समितियों से जुड़े मामलों में भी पैरवी की. 
अंतरराष्ट्रीय बाल संरक्षण सम्मेलन में लिया था भाग
जस्टिस चौहान ने न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी न्यायिक सेवाओं में सहभागिता दिखाई है. साल 2019 में उन्होंने बच्चों की देखभाल और संरक्षण से संबंधित सुधारों पर आयोजित रोमानिया के एक अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज प्रोग्राम में हिस्सा लिया था. 
सामाजिक न्याय की भावना से प्रेरित होकर वे विधिक सहायता कार्यक्रमों से भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे. साथ ही वे कई लोक अदालतों के सदस्य रहे और पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण मामलों में न्यायालय द्वारा एमिकस क्यूरी नियुक्त किए गए. इन मामलों में जल विद्युत परियोजनाएं, रोपवे निर्माण, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति का निर्धारण जैसे विषय शामिल थे.

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