धर्मांतरण के सरगना अब्दुल रहमान ने 10 साल की उम्र में क्यों छोड़ा था गांव? बहन ने कर दिया खुलासा

by Carbonmedia
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दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से गिरफ्तार हुआ धर्मांतरण का सरगना अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र प्रताप सिंह जादौन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद के थाना राजावली क्षेत्र के रामगढ़ का रहने वाला है. प्रेमपाल सिंह के सबसे बड़े बेटे महेंद्र पाल सिंह जादौन उर्फ अब्दुल रहमान ने अपना गांव करीब 35 वर्ष पूर्व छोड़ दिया था. 25 साल पहले अपनी मां के निधन के बाद वह 10 दिन गांव में रुका था.
महेंद्र पाल सिंह उर्फ अब्दुल रहमान की छोटी बहन अनीता की शादी फिरोजाबाद जनपद के थाना नारखी क्षेत्र के गांव ओखर में हुई है. पोखरा में रह रही अनीता ने एबीपी न्यूज़ से बताया कि महेंद्र पाल सिंह उर्फ पप्पू जब 10वर्ष का था, तब वह नानी के घर कानपुर चला गया था. जब वापस आया तो पिता के साथ झगड़ा हुआ, इसके बाद वह गांव छोड़कर कानपुर बस गया.
भाइयों में सबसे बड़ा है अब्दुल रहमानअनीता के मुताबिक, महेंद्र पाल सिंह अपने भाइयों में सबसे बड़ा है, उसके बाद उसकी एक बहन है जिसकी शादी आगरा जनपद के फतेहाबाद थाना क्षेत्र में हुई है. उसके बाद अनीता है और अनीता के बाद उसका भाई भूरा है. जमीनी विवाद में भूरा की हत्या कर दी गई थी, एक सबसे छोटा भाई है, वह दिल्ली में रहता है.
अनीता के मुताबिक, महेंद्र पाल सिंह उर्फ अब्दुल रहमान अपने पैतृक गांव में 25 साल पहले तब आए थे, जब उनकी मां बीमार चल रही थी. इसी दौरान मां का निधन हो गया, तभी महेंद्र पाल सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों को भी साथ लेकर आए और लगभग 15 दिन गांव में रुके.
‘पत्नी और बच्चों के साथ हिंदू रीति-रिवाज से रह रहा था अब्दुल रहमान’अनीता बताती है कि उसे दौरान उनकी पत्नी और बच्चे बिल्कुल हिंदू रीति रिवाज के साथ उनके साथ रहे थे, किसी भी प्रकार की ऐसी गतिविधि नहीं थी जिससे उनके धर्मांतरण की आशंका होती. मां के निधन के बाद फिर महेंद्र प्रताप सिंह उर्फ अब्दुल रहमान ने कभी घर की तरफ लौटकर नहीं देखा. अनीता और उसकी बहन की बेटियों की शादियां भी हो गई, कभी किसी शादी और ना ही किसी त्योहार पर महेंद्र पाल सिंह ने अपने परिवार से किसी भी तरह का संबंध नहीं निभाया.
जानकारी करने पर पता चला कि महेंद्र पाल सिंह जादौन और पप्पू उर्फ अब्दुल रहमान जब 35 साल पहले अपने गांव लौटा था, तो उसने यहां शराब का काम शुरू किया था. उसके बाद उसके पिता से उसका झगड़ा हुआ और वह गांव छोड़कर चला गया.
भाई अब्दुल रहमान से नहीं है किसी प्रकार का संबंधअनीता बताती है कि, उनके भाई के धर्मांतरण की खबर उन्हें गांव के लोगों से कल ही मिली है, जब रामगढ़ में पुलिस पहुंची. उसके बाद कुछ लोगों का फोन उनके पास आया था. अनीता के मुताबिक उनका महेंद्र पाल सिंह जादौन और उनके छोटे भाई से कोई संबंध नहीं है. वे पिछले 25 साल से अपने दोनों भाइयों से नहीं मिली है.

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