बिहार विधानसभा में बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव ने अपने-अपने तरीके से सदन में अपनी बात रखी, लेकिन इसी बीच आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर हंगामा मच गया. सरकार की ओर से डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और अशोक चौधरी ने भी भाई वीरेंद्र के बयान का कड़ा विरोध किया.
साथ आए अशोक चौधरी और विजय सिन्हा
सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद मंत्री अशोक चौधरी और विजय सिन्हा दोनों प्रेस के सामने आए और एक साथ अपनी बात रखी. अशोक चौधरी ने कहा कि “इन लोगों ने सत्र के दूसरे भी अपना अहंकार दिखाया था. सदन शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से कहा कि वे अपनी बात गरिमा के साथ रखें. जब सीएम ने कहा कि सदन 2-3 दिन में खत्म हो जाएगा, तो लोग नहीं माने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे. हमने उनसे माफी मांगने को कहा. हम पूरी घटना की निंदा करते हैं. आने वाली पीढ़ी इससे क्या सबक लेगी और क्या सीखेगी.”
वहीं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “सदन में विपक्ष नेता को बोलने का मौका मिला और लंबे समय तक वो बोले, लेकिन उनमें भी एक नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि ये सदन किसी के बाप का नहीं है, इस तरह से वह सदन के अंदर गुंडाराज स्थापित करना चाहते हैं. ये भूल गए हैं कि ये 90 का दशक नहीं है. SIR पर लोगों को बरगलाने का ये काम कर रहे हैं. भाई वीरेंद्र को हमने कहा कि आप माफी मांगें.”
वहीं सदन में हुए हंगामे के बाद डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी के साथ नजर आने पर भी चर्चा खूब हो रही है. क्योंकि दो दिन पहले ही एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और मंत्री अशोक चौधरी के बीच तीखी बहस हुई थी. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने ज़िले में आयोजित ग्रामीण कार्य विभाग की बैठक में स्थानीय विधायक को न बुलाए जाने पर सवाल उठाए थे. डिप्टी सीएम का इशारा सूर्यगढ़ा विधायक प्रह्लाद यादव को स्थानीय स्तर की बैठक में न बुलाए जाने के संदर्भ में था.
प्रह्लाद यादव को लेकर हुई थी तीखी बहस
दरअसल प्रह्लाद यादव ने आरजेडी विधायक रहते हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान एनडीए सरकार का समर्थन किया था, इसलिए विजय सिन्हा ने सलाह दी थी कि उन्हें सम्मान देना गठबंधन धर्म निभाने जैसा है. हालांकि जेडीयू किसी भी हाल में प्रह्लाद यादव को सम्मान देने को तैयार नहीं है. बीते दिनों लखीसराय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान ललन सिंह ने भी साफ कह दिया है कि जेडीयू सूर्यगढ़ा से अपना उम्मीदवार ही उतारेगी, जबकि विजय सिन्हा वहां से प्रह्लाद यादव के बेटे को टिकट देने के पक्ष में हैं.
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