PAK के समर्थन से कोलंबिया का यू-टर्न, शशि थरूर बोले- इस बयान से हम…

by Carbonmedia
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Shashi Tharoor in Colombia: कोलंबिया ने पहलगाम हमले के जवाब में भारत के सैन्य हमलों के बाद हुए जान-माल के नुकसान को लेकर पाकिस्तान के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला अपना बयान वापस ले लिया है. भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को लगातार समर्थन दिए जाने की बात कोलंबिया के सामने रखी जिसके बाद कोलंबिया ने पहले दिया गया अपना बयान वापस ले लिया.


कोलंबिया ने वापस लिया बयान


सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेंशियो से मुलाकात के बाद बोगोटा की ओर से विवादास्पद बयान वापस लिए जाने की पुष्टि की. भारतीय सांसदों के सात सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं.


शशि थरूर सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान के समर्थन से और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए कोलंबिया की यात्रा पर गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज की शुरुआत कोलंबिया की विदेश उप मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेंशियो और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मामलों से जुड़े उनके वरिष्ठ सहयोगियों के साथ एक शानदार बैठक से हुई.’’


कोलंबिया ने हमारा पुरजोर समर्थन किया- थरूर


उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हाल की घटनाओं पर भारत के दृष्टिकोण से उन्हें अवगत कराया और कोलंबिया की ओर से 8 मई 2025 को पाकिस्तान के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त किए जाने संबंधी बयान पर निराशा व्यक्त की. मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि बयान वापस ले लिया गया है और उन्होंने हमारे रुख को उचित तरीके से समझा है और उसका पुरजोर समर्थन किया गया है.’’


शशि थरूर ने कहा कि पहले कोलंबिया को भारत का रुख समझ में नहीं आया, लेकिन देश के विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत के बाद कोलंबिया ने अपना पुराना बयान वापस ले लिया. इससे पहले शशि थरूर ने भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हुई जानमाल की हानि पर कोलंबिया की ओर से संवेदना व्यक्त करने पर निराशा व्यक्त की थी.


कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से निराश थे थरूर


थरूर ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत की प्रतिक्रिया आत्मरक्षा का मामला थी, आक्रामकता का नहीं. उन्होंने कहा, “हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश थे, जिसने आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई जानमाल की हानि पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की.”


शशि थरूर ने भारत की सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान में हुई जान-माल की हानि को लेकर कोलंबिया की ओर से संवेदना जताए जाने पर गुरुवार (29 मई 2025) को गहरी निराशा व्यक्त की थी. हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोलंबिया के रुख और उसके बयान वापस लिए जाने को लेकर नई दिल्ली की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. 


बोगोटा में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सेकंड कमीशन ऑफ द चैंबर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (विदेशी मामलों पर भारत की संसदीय समिति के समकक्ष) के अध्यक्ष एलेजांद्रो टोरो और चैंबर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के अध्यक्ष (लोकसभा अध्यक्ष के समकक्ष) जैमी राउल सलामांका से भी मुलाकात की.


कोलंबिया ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी हुई बैठक


शशि थरूर ने एक्स पर लिखा, ‘‘दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने हमारे रुख को पूरी तरह से समझा और अपने क्षेत्र तथा अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के भारत के अधिकार के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया.’’ प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया काउंसिल फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की.


थरूर के नेृतृत्व वाला नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को कोलंबिया पहुंचने से पहले गुयाना और पनामा की यात्रा कर चुका है. प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) भुवनेश्वर कलिता (बीजेपी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), शांभवी (लोक जनशक्ति पार्टी), जी एम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं.


अब ब्राजील जाएगा यह प्रतिनिधिमंडल 


कोलंबिया से प्रतिनिधिमंडल ब्राजील जाएगा. यह पांच देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में अमेरिका जाएगा. पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए थे जिसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया.


भारतीय पक्ष ने हवाई अड्डों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों और रडार स्थलों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाकर पाकिस्तानी हमलों का कड़ा जवाब दिया. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान के बीच भूमि, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने को लेकर सहमति बन गई है.

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