कैथल में गर्भपात करने पर निजी अस्पताल के खिलाफ एफआईआर​​​​​​​:एमटीपी एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं मिला, विभाग कर रहा ट्रैकिंग

by Carbonmedia
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कैथल में स्वास्थ्य विभाग ने एमटीपी एक्ट के तहत पंजीकृत न होने की स्थिति में महिला का गर्भपात करने पर बालाजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके अलावा अन्य जगहाें पर भी गर्भपात और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग की जा रही है। एमटीपी के लिए पंजीकृत नहीं मिला रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान यह सामने आया कि कैथल के बालाजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल जो कि एमटीपी के लिए पंजीकृत नहीं है, उसमें एक महिला का गर्भपात किया गया। कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने उक्त अस्पताल की जांच की, जिसमें पाया गया कि केंद्र को गर्भपात के लिए मान्यता प्राप्त नहीं थी, फिर भी गर्भपात किया गया। यह एमटीपी एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन है। स्वास्थ्य विभाग ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए संबंधित अस्पताल के खिलाफ एमटीपी एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई। सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि जिले में होने वाले प्रत्येक गर्भपात की जांच की जाती है, विशेष रूप से उन मामलों में जहां लिंग जांच से संबंधित संदेह हो, जैसे कि ऐसे परिवार जहां पहले केवल लड़की ही है। फील्ड स्तर पर रिवर्स ट्रैकिंग के माध्यम से यह जानकारी एकत्र की जाती है कि अल्ट्रासाउंड कहां हुआ और गर्भपात किस केंद्र पर किया गया। साथ ही यह भी देखा जाता है कि संबंधित केंद्र गर्भपात के लिए अधिकृत है या नहीं। अधिकृत केंद्र ही गर्भपात सेवाएं प्रदान कर सकते हैं सिविल सर्जन ने बताया कि एमटीपी एक्ट के तहत केवल पंजीकृत और अधिकृत केंद्र ही महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। इन केंद्रों का सघन जांच के बाद विभिन्न श्रेणियों में पंजीकरण किया जाता है, जो एक्ट के प्रावधानों और विशेषज्ञों के मानकों पर आधारित होता है। गैर-पंजीकृत केंद्रों में गर्भपात न केवल महिलाओं के जीवन को जोखिम में डालता है, बल्कि यह भी संदेह उत्पन्न करता है कि ऐसा गर्भपात कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित हो सकता है।

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