‘धोखाधड़ी करने के पुख्ता सबूत’, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी का हमला, दे दी खुली चुनौती

by Carbonmedia
()

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग के बयान को बकवास करार दिया और कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि उनके पास चुनाव आयोग की ओर से धोखाधड़ी करने के 100 प्रतिशत पुख्ता सबूत हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को मानसून सत्र के चौथे दिन भी इंडिया गठबंधन की ओर से एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) मुद्दे को लेकर संसद परिसर में चल रहे विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए. इस दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आयोग उस तरह से काम नहीं कर रहा है, जैसा भारतीय निर्वाचन आयोग को करना चाहिए. चुनाव आयोग का आज का बयान पूरी तरह से बकवास है.
धोखाधड़ी की अनुमति देने के पुख्ता सबूत 
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके पास कर्नाटक में चुनाव आयोग की ओर से धोखाधड़ी की अनुमति देने के 100 प्रतिशत पुख्ता सबूत हैं. एक ही चुनाव क्षेत्र में 50, 45, 60, 65 की उम्र के हजारों-हजार नए मतदाता पंजीकृत किए गए. मतदाता सूची से नाम हटाए गए और नए नाम जोड़े गए. कांग्रेस ने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र को देखा है और उसमें यह गड़बड़ी मिली है. 
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा हो रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग गलतफहमी में न रहे, वह बचकर नहीं निकल सकता. वोट चोरी करने के सबूतों को सामने लाया जाएगा और चुनाव आयोग इसके अंजाम से नहीं बच पाएगा. 
बिहार में आयोग का तुगलकी फरमान
वहीं बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने एसआईआर को तुगलकी प्रक्रिया बताया. अल्लावरू ने कहा कि चुनाव आयोग ने 24 जून को अपने आदेश में जो प्रक्रिया लिखी है, उसका पालन नहीं हो रहा है. इसलिए चुनाव आयोग जो भी आंकड़े अपनी वेबसाइट या कहीं और दिखा रहा है, वे सरासर झूठे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार की हर विधानसभा में रैंडमली एक हजार लोगों को चुना जाए और यह देखा जाए कि प्रक्रिया का पालन हो रहा है या नहीं. अगर आंकड़े 25 प्रतिशत भी सही निकलकर आ जाते हैं तो हम इस प्रक्रिया को मानने के लिए तैयार हैं.
नाम जुड़ने की नहीं मिल रही रसीद
कांग्रेस नेता ने प्रक्रिया की खामियां गिनाते हुए कहा कि प्रमाण पत्र जो मांगे गए हैं, वह लोगों के पास नहीं हैं. बीएलओ मनमानी साइन करके फॉर्म भर रहे हैं. भाजपा के नेता फॉर्म भर रहे हैं. जहां भी लोगों के नाम जुड़ रहे हैं, वहां रसीद नहीं दी जा रही है. इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि अंत में ईआरओ का निर्णय ही होगा कि किसको मतदाता सूची में रखें और किसको निकालें.
अल्लावरू ने सीधे तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर ऐसी प्रक्रिया जबरदस्ती बिहार पर थोपी जा रही है तो इसका सीधा सा मतलब है कि ज्ञानेश कुमार भाजपा के साथ खुलेआम मिलकर बिहार में गरीब, युवा, महिला, वंचित, शोषित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित का वोट चोरी कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें:- ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का राज्यसभा में जवाब, कहा- ‘पाकिस्तान ने की थी सीजफायर की गुजारिश’

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment