भास्कर न्यूज | लुधियाना. बुड्ढा दरिया के संरक्षण को लेकर सक्रिय पब्लिक एक्शन कमेटी ने नगर निगम लुधियाना, स्थानीय निकाय विभाग, सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त कानूनी नोटिस भेजा है। कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इंजीनियर कपिल अरोड़ा और कुलदीप सिंह खैहरा ने बताया कि दरिया के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण उसकी चौड़ाई घट रही थी। इस पर एनजीटी ने नगर निगम को सभी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। कई साल बाद कुछ अतिक्रमण हटे, लेकिन राजनीतिक दबाव और निजी हितों के कारण कई अब भी बने हुए हैं। कमेटी ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद दरिया के किनारे हरियाली वाला ग्रीन बफर जोन बनना चाहिए था। इसके उलट, नगर निगम ने पेड़-पौधे हटाकर आरसीसी की रिटेनिंग वॉल बना दी है। इससे जल प्रवाह में रुकावट आ रही है। सदस्य जसकीरत सिंह और डॉ. अमनदीप सिंह बैंस ने कहा कि बुड्ढा दरिया जैसे प्राकृतिक स्रोत बाढ़ नियंत्रण, प्रदूषण रोकथाम और भूजल संरक्षण में मददगार होते हैं। साथ ही जैव विविधता के लिए भी जरूरी हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने पेड़ काटकर कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर दी हैं। प्रीत धनोआ और गुरप्रीत सिंह पलाहा ने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारी अतिक्रमणकारियों और नेताओं से मिले हुए हैं। कमेटी ने चेतावनी दी है कि यदि अवैध निर्माण हटाकर ग्रीन बफर ज़ोन नहीं बनाया गया तो वे एनजीटी में याचिका दायर करेंगे।
बुड्ढा दरिया पर कंक्रीटीकरण और कब्जे पर कानूनी नोटिस
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