इस खास मच्छर का एक ‘चुम्मा’ दे देगा 5 साल का दर्द, इतनी खतरनाक बीमारी शरीर में बना लेगी घर

by Carbonmedia
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विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने दुनिया भर में चिकनगुनिया के एक पॉसिबल ग्लोबल आउटब्रेक की वार्निंग दी है. यूरोप, अफ्रीका और एशिया में केसेस बढ़ने और ग्लोबल ट्रैवल के चलते यह वार्निंग टाइमली है1 डब्लूएचओ के मुताबिक, अभी के साइन 2004-2005 के एक्सप्लोसिव आउटब्रेक जैसे ही हैं.
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स स्ट्रांग डिजीज मॉनिटरिंग और हेल्थकेयर प्रिपेयर्डनेस पर जोर दे रहे हैं. इस वार्निंग का मतलब है कि हमें इस बीमारी के सिम्पटम्स, प्रिवेंशन मेथड्स और प्रिकॉशन्स को जानना होगा. अवेयरनेस ही इस बढ़ती एपिडेमिक से डील करने का सबसे इफेक्टिव तरीका है.
सिर्फ बुखार नहीं है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया को अक्सर डेंगू या जीका समझा जाता है, लेकिन यह इन्फेक्टेड एडीज मच्छरों से फैलता है और असहनीय जॉइंट पेन इसका मेन सिम्पटम है. चिकनगुनिया का मतलब ही विकृत होना है, जो दर्द से झुकी बॉडी पोस्चर दिखाता है. ये सिर्फ एक नॉर्मल फीवर नहीं, बल्कि सीरियस हेल्थ चैलेंज है.
ये हैं चिकनगुनिया के लक्षण
डब्लूएचओ के अुनसार, मच्छर के काटने के 4-8 दिन बाद सिम्पटम्स दिखते हैं. इनमें अचानक तेज फीवर, हाथों-पैरों में बहुत दर्द वाले जॉइंट पेन, मसल पेन, फटीग, रैश और जॉइंट्स में स्वेलिंग शामिल हैं. बुज़ुर्गों में यह जॉइंट पेन महीनों, यहां तक कि सालों तक रह सकता है, जो डिसेबलिंग होता है.
किन लोगों को है सबसे ज्यादा रिस्क? 
डब्लूएचओ की हालिया रिपोर्ट बताती है कि 119 देशों में 5.6 अरब लोग अब चिकनगुनिया के खतरे में हैं. इसमें सिर्फ गर्म इलाके ही नहीं, बल्कि यूरोप और एशिया के कुछ हिस्से भी शामिल हैं, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण एडीज मच्छर अब इन जगहों पर भी फैल रहा है. चिकनगुनिया का खतरा खासकर इन लोगों में ज्यादा है, जिनमें बुजुर्ग, नवजात शिशु, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग और घनी आबादी वाले शहरों में रहने वाले लोग आदि शामिल हैं. हाल ही में फ्रांस और इटली में भी संक्रमण फैलने से यह वायरस अब सिर्फ ट्रॉपिकल इलाकों की समस्या नहीं रहा, बल्कि एक ग्लोबल कंसर्न बन गया है.
कैसे फैलता है चिकनगुनिया वायरस?
चिकनगुनिया डायरेक्ट कॉन्टैक्ट से नहीं फैलता, बल्कि सिर्फ इन्फेक्टेड मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह-शाम एक्टिव होते हैं. एक इन्फेक्टेड पर्सन करीब एक हफ्ते तक वायरस का सोर्स होता है. अगर इस दौरान मच्छर काटे, तो वो वायरस दूसरों तक फैला सकता है. इसी तरह आउटब्रेक्स तेजी से स्प्रेड होते हैं.
चिकनगुनिया से कैसे बचें?
कोई वैक्सीन या स्पेसिफिक ट्रीटमेंट न होने से, प्रिवेंशन ही मेन शील्ड है. डब्लूएचओ स्ट्रांग एर्फ्टस की अपील करता है. रुका पानी हटाएं, मॉस्किटो रिपेलेंट यूज करें, फुल स्लीव कपड़े पहनें और मच्छरदानी लगाएं. कम्युनिटी फॉगिंग हेल्पफुल है, लेकिन असली गेम चेंजर कम्युनिटी अवेयरनेस और क्लीनलीनेस है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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