सिरसा जिले के रानियां के गांव चक्का में गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए परियोजना जागृति के तहत किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कपास के किसानों को गुलाबी सुंडी संक्रमण से बचाव और स्थायी नरमा-कपास खेती के बारे में जागरूक करना था। गुलाबी सुंडी का जीवन चक्र का विवरण कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग, लुइस ड्रेफस कंपनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और बॉल गार्ड बायर के संयुक्त सहयोग से किया गया। इस अवसर पर किसानों को नरमा और कपास की फसल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बायर के प्रतिनिधि आशीष प्रधान ने गुलाबी सुंडी के जीवन चक्र का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कपास के खेतों में फेरोमैन ट्रैप स्थापित करने जैसे प्रभावी नियंत्रण उपायों पर भी प्रकाश डाला। व्यावहारिक तरीके सीखने का अवसर इस प्रशिक्षण से किसानों को कीट नियंत्रण के व्यावहारिक तरीके सीखने का अवसर मिला। कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने नरमा और कपास में लगने वाले विभिन्न कीटों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इन कीटों को नियंत्रित करने के उपाय भी बताए। लुइस ड्रेफस कंपनी के प्रतिनिधि गोविंद मुद्गल ने परियोजना जागृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की। उन्होंने कपास की खेती के महत्व पर प्रकाश डाला। दूषण मुक्त कपास के उत्पादन को बढ़ावा उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य उच्च गुणवत्ता और दूषण मुक्त कपास के उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे किसानों और कपास उद्योग दोनों को लाभ मिलेगा। कार्यक्रम में कृषि विभाग से खंड कृषि अधिकारी गुरदीप सिंह, बॉल गार्ड बेयर से आशीष प्रधान और एलडीसी से गोविंद मुद्गल सहित गांव चक्का के 180 से अधिक किसान शामिल हुए। इस अवसर पर सभी किसानों को निशुल्क फेरोमैन ट्रैप वितरित किए गए।
सिरसा में गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए कार्यशाला:180 किसानों को दिए फेरोमैन ट्रैप, नरमा-कपास के बारे किया जागरूक
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