भिवानी अस्पताल में युवक की मौत:चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप, परिजन बोले- 2 घंटे तड़पकर तोड़ा दम, नहीं मिला ईलाज

by Carbonmedia
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भिवानी के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में उपचाराधी एक युवक की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि समय पर ईलाज नहीं हुआ। इसलिए 2 घंटे तक तड़पने के बाद मौत हो गई। अगर समय पर देखभाल व उपचार होता तो शायद वह बच जाता। वहीं परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इधर, चिकित्सक ने कहा कि उन्होंने मरीज का पूरा ईलाज किया था। कोई लापरवाही नहीं बरती। गांव पुर निवासी सुदाम सिंह ने कहा कि उसका छोटा भाई प्रवीण था। 11 बजकर 52 मिनट में वह अपने भाई को लेकर अस्पताल में आए थे। 2 बजकर 25 मिनट पर प्रवीण की मौत हुई है। चिकित्सकों ने कोई उपचार नहीं किया, चिकित्सक सीट पर ही बैठा रहा। जिसके कारण उसके भाई की मौत हो गई। उस चिकित्सक को सस्पेंड करना चाहिए। वे अपने भाई को एमरजेंसी में लेकर आए थे। उसके भाई ने चिल्ला-चिल्लाकर दम तोड़ दिया, लेकिन स्टाफ ने संभाल नहीं की। डॉक्टर भी उठकर संभालने नहीं गया। 1 बेटी के पिता थे प्रवीण उसने कहा कि प्रवीण मिस्त्री का काम करता है। जो काम करने के दौरान गांव में ही गिर गया था। जिसके कारण वह चोटिल हो गया। जिसे उपचार के लिए अस्पताल में लाया गया था। प्रवीन शादीशुदा है, उसको एक बेटी है। भाई की मौत के बाद डॉक्टर ने कहा कि प्रवीन को टीके लगा दिए हैं। अस्पताल में लाने के करीब 2 घंटे बाद उसकी मौत हुई है। डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 2 घंटे बाद तोड़ा दम गांव पुर निवासी सज्जन ने कहा कि प्रवीण काम करते समय नीचे गिर गया। जिसे उपचार के लिए अस्पताल में लेकर आए थे। आते ही पर्ची कटवा दी थी। मरीज को एडमिट करने के लिए कहा था, लेकिन चिकित्सकों ने उसे एडमिट तक नहीं किया। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। 2 घंटे तक तड़पता रहा और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। इसलिए डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। एमरजेंसी का काम यही होता है कि आते ही उपचार शुरू किया जाए ना कि कागजों के लिए धक्के खिलाते रहें। सही से किया ईलाज चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तैनात डॉ. भावेश ने कहा कि एक मरीज आया था सुबह 11 बजकर 52 मिनट पर। उसने बताया था कि वह छत से गिर गया है। उसी समय मरीज की जांच करवाई। दर्द अधिक बता रहा था, इसलिए उसे इंजेक्शन भी लगा दिया था। खुद ही उस मरीज को बेंडेज किया था। मरीज सिर में दर्द बता रहा था। इसलिए सीटी हेड के लिए भेजा था। तब तक मरीज का कोई अटेंडेंट नहीं आया। वहां पर मरीज की मौत हो गई। उसके ईलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती थी। मरीज का पूरा इलाज करके अरजेंटली सीटी स्कैन के लिए भेजा था। ताकि पता लग सके कि उसको ब्रेन हेमरेज है या इंटरनल ब्लीडिंग है। ताकि उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सके।

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