अमित शाह ने कहा था अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी, राहुल गांधी का जवाब- इंग्लिश ही सबसे पावरफुल भाषा

by Carbonmedia
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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को अंग्रेजी में शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए बड़ा बयान दिया है. राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजी में शिक्षा हासिल करना समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के विकास के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के ‘ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे. अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा, “भारत में अंग्रेजी सबसे ताकतवर भाषा है और विकास को आगे बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है. मैं ये नहीं कह रहा कि आप हिंदी भाषा की शिक्षा मत लो, लेकिन अंग्रेजी की वजह से हमारी प्रगति हो सकती है.” उन्होंने कहा, “प्रगति के लिए शिक्षा में सबसे जरूरी कारण अंग्रेजी है. भारत में सफलता और प्रगति का सबसे बड़ा निर्धारक अंग्रेजी शिक्षा है. आज भारत में अंग्रेजी शिक्षा किसी भी क्षेत्रीय भाषा या हिंदी में दी जाने वाली शिक्षा से कहीं ज्यादा प्रभावशाली है.”
उन्होंने कहा, “यह एक हैरान कर देने वाला तथ्य है, लेकिन यह एक सच्चाई है. मैं यह नहीं कह रहा हिंदी भाषा महत्वपूर्ण नहीं है, क्षेत्रीय भाषा महत्वपूर्ण नहीं है. वे बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आज भारत में प्रगति का निर्धारण अंग्रेजी शिक्षा कर रही है.”
राहुल गांधी ने भाजपा नेताओं पर साधा निशाना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा के नेताओं पर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा वाले कहते हैं कि वो अंग्रेजी मिटाना चाहते है, तो उनसे पूछो कि उनके बच्चे किस स्कूल में पढ़ते हैं? किस कॉलेज में पढ़ते हैं? लंदन में, अमेरिका में या कहीं और पढ़ते है तो किस भाषा में पढ़ते है. अंग्रेजी में पढ़ते है ना और ये अंग्रेजी मिटाने की बात करते है. तो इस पर मेरा सवाल यही है कि अगर उनके बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूल और कॉलेजों में पढ़ सकते हैं, तो यही मौका भारत के सबसे गरीब व्यक्ति को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? यही मौके इस देश के एक दलित को, एक आदिवासी को या एक ओबीसी को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? इसलिए हम प्राइवेट स्कूल में भी आरक्षण लेकर आएंगे.”
जहां हमारी सरकार होगी, वहां सबसे पहले जातीय जनगणना होगी- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि ओबीसी की जमीनें छीनकर अंबानी और अड़ानी को दी जा रही है. उन्होंने कहा, “जहां भी हमारी सरकार होगी, वहां सबसे पहले जातीय जनगणना होगी. फिर जनगणना के बाद 50 प्रतिशत आरक्षण की दीवार वहीं टूट जाएगी. तेलंगाना में हमने यह करके दिखाया है और आगे भी करेंगे.”
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