Bihar News: सम्राट चौधरी पर लालू परिवार ने साधा निशाना तो मंत्री मदन सहनी ने दिया जवाब, बोले- ‘इस तरह की भाषा…’

by Carbonmedia
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बिहार में वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार (25 जुलाई) को बिहार विधानसभा के बाहर विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी-जदयू सरकार पर तीखे आरोप लगाए. साथ ही, उन्होंने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और सत्तारूढ़ गठबंधन पर सनसनीखेज आरोप भी लगाए.
राबड़ी देवी द्वारा सम्राट चौधरी पर की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी पर जदयू कोटे के मंत्री मदन सहनी ने पलटवा किया. उन्होंने कहा, ”राबड़ी देवी को इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिये. वह मुख्यमंत्री रही हैं. वह राजद के शासनकाल को भूल गयी क्या? जंगलराज से जुड़ी बहुत यादें हैं.
राहुल गांधी के द्वारा अंग्रेजी शिक्षा को लेकर दिये गये बयान पर मदन सहनी कहा, ”हिंदी, क्षेत्रीय शिक्षा, भाषा ज्यादा प्रभावशाली है. राहुल गांधी को जितनी समझ है उतना बोलते हैं.”
‘उपमुख्यमंत्री के लायक नहीं’
राबड़ी देवी द्वारा सम्राट चौधरी पर की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी पर RJD विधायक, पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा, ”राबड़ी देवी ने बिलकुल ठीक कहा, सम्राट चौधरी जो करते थे वह बात उन्होंने कही हैं. वह उपमुख्यमंत्री के लायक नहीं हैं. किस तरह की भाषा सदन में वह बोलते हैं, सोच समझकर सम्राट को बोलना चाहिए. खुद को कुशवाहा जाति का बताते हैं. लेकिन कुशवाहा समाज के लोग बहुत सरल स्वभाव के होते हैं. सम्राट वैसे नहीं हैं.
‘भाषा का अपना अपना महत्व है’
राहुल गांधी द्वारा अंग्रेजी शिक्षा को लेकर दिए गए बयान पर आलोक मेहता ने कहा कि हिंदी अंग्रेजी क्षेत्रीय शिक्षा, भाषा का अपना अपना महत्व है. भाषा पर कई बार विवाद होता है लेकिन इन सब से बचना चाहिए. यह सबसे मुद्दा नहीं है.
लालू यादव पर की थी सम्राट चौधरी ने टिप्पणी
राबड़ी देवी ने सम्राट चौधरी पर कहा, ”वो बचपन से बोरिंग रोड इलाके में गुंडई करता है. बोरिंग रोड चौराहे पर लड़कियों को छेड़ते रहे, वो कैसे दूसरे को गुंडा बोल सकते हैं.” गुरुवार (24 जुलाई) को डिप्टी CM सम्राट चौधरी ने सदन में तेजस्वी से कहा था, ”जिसका बाप अपराधी वो क्या बोलेगा.”
‘सफलता और प्रगति का सबसे बड़ा निर्धारक अंग्रेजी शिक्षा’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “प्रगति के लिए शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण कारण क्या है? अंग्रेजी. भारत में सफलता और प्रगति का सबसे बड़ा निर्धारक अंग्रेजी शिक्षा है. आज भारत में अंग्रेजी शिक्षा किसी क्षेत्रीय भाषा या हिंदी में दी जाने वाली शिक्षा से कहीं ज़्यादा प्रभावशाली है. यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है, लेकिन यह एक सच्चाई है. मैं यह नहीं कह रहा कि हिंदी महत्वपूर्ण नहीं है, क्षेत्रीय भाषाएं महत्वपूर्ण नहीं हैं, वे बहुत महत्वपूर्ण हैं. लेकिन आज भारत में प्रकृति का निर्धारण अंग्रेजी शिक्षा कर रही है.”

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