करनाल में पूर्व सीएम की कलेक्टर रेट पर सफाई:खड़गे की टिप्पणी पर पलटवार, दिशा बैठक में उठे 50 से ज्यादा मुद्दे

by Carbonmedia
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करनाल के लघु सचिवालय में आयोजित डीडीसीएमसी (DISHA) की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई अहम मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने नीलोखेड़ी के बीर बड़ावला गांव की मलकियत को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राज्य सरकार की जमीन पर बसे ग्रामीणों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रधानमंत्री को लेकर की गई टिप्पणी पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी बातें समाज, देश और विचारधारा को न समझने वालों से ही आती हैं। इसके साथ ही उन्होंने करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन पर डीपीआर की स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि उससे पहले दिल्ली-करनाल आरआरटीएस परियोजना शुरू की जाएगी। वहीं, कलेक्टर रेट बढ़ाने पर लोगों की भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि जमीनों के रेट बढ़ गए हैं, बल्कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता लाने के लिए है। तीन घंटे चली बैठक में उठे 50 से ज्यादा मुद्दे
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई दिशा (DISHA) कमेटी की बैठक में जिले के विकास कार्यों की गहन समीक्षा की गई। बैठक में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण, करनाल विधायक जगमोहन आनंद, इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप, नीलोखेड़ी विधायक भगवानदास कबीरपंथी, असंध विधायक योगेंद्र राणा, उपायुक्त उत्तम सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। तीन घंटे चली बैठक में 50 से अधिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें विकास योजनाओं की प्रगति से लेकर जनकल्याण योजनाएं शामिल रहीं। खड़गे की टिप्पणी को बताया गैर-जिम्मेदाराना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो संस्थाएं देश को आगे बढ़ा रही हैं, उनकी आलोचना करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि खड़गे को जमीन पर खड़े होकर बोलना चाहिए, हवा में उड़ते हुए नहीं। बीर बड़ावला के ग्रामीणों को मिलेगा मालिकाना हकप
नीलोखेड़ी के बीर बड़ावला गांव को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए मंत्री ने कहा कि यह जमीन राज्य सरकार की है, लेकिन वहां लोग वर्षों से बसे हुए हैं और उनकी प्रॉपर्टी आईडी भी बन चुकी है। ऐसे में अब तय किया गया है कि उन्हें स्वामित्व योजना के तहत जमीनें कलेक्टर रेट पर देकर मालिकाना हक दिया जाएगा। रेलवे लाइन से पहले बनेगी करनाल-दिल्ली आरआरटीएस
करनाल से यमुनानगर तक रेलवे लाइन प्रोजेक्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे मंत्री को डीपीआर तैयार करने के लिए पहले भी कहा गया है, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। हालांकि इससे पहले दिल्ली से करनाल तक की आरआरटीएस परियोजना को तेजी से शुरू किया जाएगा, जिसकी डीपीआर और ढांचा तैयार किया जा चुका है। कलेक्टर रेट का रियल एस्टेट से कोई संबंध नहीं
कलेक्टर रेट बढ़ाने के सवाल पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि कलेक्टर रेट बढ़ाने का अर्थ यह नहीं कि जमीनों के दाम बढ़ गए। बल्कि इससे पारदर्शिता आएगी और रजिस्ट्रियों में गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा। इससे न तो जनता को नुकसान होगा, न ही सरकार को, बल्कि लोग कैश की दौड़भाग से बचेंगे। सभी पंचायतों में होगा स्वच्छता प्रतियोगिता
स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर अब करनाल जिले की सभी पंचायतों में भी स्वच्छता प्रतियोगिता करवाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि अभी तक केवल शहरी क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर रैंकिंग होती थी, लेकिन अब ग्रामीण पंचायतों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा। एमपी लैंड से हर विधायक को मिलेगा 1-1 करोड़ का फंड
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एमपी लैंड योजना के तहत सभी विधायकों को उनके क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 1-1 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इससे विधायक अपने क्षेत्रों में जनता की मांगों के अनुसार विकास करवा सकेंगे। सीईटी परीक्षा की तैयारियां पूरी
26 और 27 जुलाई को होने वाली सीईटी परीक्षा को लेकर भी मंत्री ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि युवाओं के सरकारी रोजगार की दिशा में यह अहम परीक्षा है, और इसके लिए हरियाणा सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए। बेटी बचाओ अभियान से करनाल में दिखा सकारात्मक असर
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने पानीपत से की थी और इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। करनाल की सेक्स रेश्यो अब 971 हो चुकी है, जो कि एक अच्छा संकेत है। पीएनडीटी एक्ट के तहत लिंग जांच मामलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। परिवार पहचान पत्र में एक लाख से कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता
परिवार पहचान पत्र योजना के तहत एक लाख से कम आय वाले परिवारों को चिन्हित कर उन्हें 1.80 लाख तक की आय सीमा तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी और स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा।

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