हिमालय की गोद में स्थित पवित्र मचैल माता मंदिर की 43 दिवसीय वार्षिक यात्रा शुक्रवार को आधिकारिक रूप से शुरू हो गई. श्रद्धा, आस्था और सुरक्षा के बीच आरंभ हुई इस यात्रा में पहले ही दिन 4,900 से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए. यात्रा के पहले दिन का माहौल बेहद उत्साहपूर्ण और भक्तिमय रहा.
पहाड़ी रास्तों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का जत्था घुमावदार पहाड़ी रास्तों से पैदल यात्रा पर निकल पड़ा. महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी ने कठिन चढ़ाई के बावजूद माता के दर्शन की भावना से यात्रा पूरी की. पूरे मार्ग में जयकारों की गूंज और धार्मिक गीतों की धुनों से वातावरण भक्तिरस में डूबा रहा. कई श्रद्धालु देवी से व्यक्तिगत सुख-शांति और पारिवारिक समृद्धि की कामना लेकर पहुंचे थे.
पहले दिन 4,944 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
किश्तवाड़ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि यात्रा के पहले दिन कुल 4,944 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए. इनमें 3,861 पुरुष, 776 महिलाएं और 308 बच्चे शामिल थे. यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी उत्साहजनक माना जा रहा है, और अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ेगी.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है. रास्ते में जगह-जगह सीआरपीएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हैं. ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो. साथ ही चिकित्सा शिविर, मोबाइल एम्बुलेंस और आपातकालीन सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए हैं.
पर्यटन और धार्मिक भावनाओं को मिल रहा बढ़ावा
मचैल यात्रा न केवल धार्मिक भावनाओं को ऊर्जा देती है, बल्कि यह स्थानीय पर्यटन और रोजगार को भी बल देती है. स्थानीय लोग श्रद्धालुओं के लिए भोजन, ठहरने और गाइड सेवा जैसी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे उनकी आय बढ़ती है.
अंतिम दिन 6 सितंबर को होगा विशेष आयोजन
यह यात्रा हर वर्ष लगभग डेढ़ महीने तक चलती है. इस बार यात्रा का समापन 6 सितंबर को होगा, जब विशेष पूजा और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
Jammu-Kashmir: मचैल माता यात्रा शुरू, पहले दिन 4,944 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
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