Delhi: महिला सम्मान राशि में देरी पर भड़कीं सुनीता केजरीवाल, कहा- वादा निभाने में नाकाम सरकार

by Carbonmedia
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आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को भाजपा शासित दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने महिलाओं को दिए जाने वाले ₹2,500 की मासिक सम्मान राशि में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई और सरकार पर महिलाओं से किया गया वादा निभाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.
सुनीता केजरीवाल शुक्रवार को निजामुद्दीन में आयोजित ‘हरियाली तीज’ समारोह में शामिल हुईं, जिसका आयोजन आम आदमी पार्टी की महिला विंग ने किया था. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, जिसमें दिल्ली प्रदेश आप अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और महिला विंग की अध्यक्ष सारिका चौधरी भी मौजूद रहीं.
मासिक राशि देने का वादा अधूरा
समारोह में अपने संबोधन के दौरान सुनीता केजरीवाल ने कहा, आप सरकार ने दिल्ली की महिलाओं को ₹2,500 की मासिक राशि देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है. यह सिर्फ एक वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता से जुड़ा मुद्दा है. जब सरकारें अपने वादों से पीछे हटती हैं, तो लोगों का भरोसा टूटता है.
उन्होंने कहा कि यह तीज का त्यौहार महिलाओं के लिए खास होता है, और ऐसे मौके पर सरकार की इस अनदेखी ने कई महिलाओं को निराश किया है. “हमारी पार्टी ने महिलाओं की आवाज़ को हमेशा प्राथमिकता दी है, लेकिन दिल्ली की भाजपा सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही,” उन्होंने आरोप लगाया.
सुनीता के आरोपों का भाजपा ने दिया जवाब
वहीं, भाजपा ने सुनीता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राशि वितरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी और महिलाओं को उनका हक दिया जाएगा. भाजपा नेताओं का कहना है कि तकनीकी कारणों और प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताओं के चलते कुछ समय जरूर लगा है, लेकिन किसी भी पात्र महिला को इस योजना से वंचित नहीं रखा जाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2,500 मासिक सहायता देने का वादा किया गया था. अब जबकि इस योजना के अमल में देरी हो रही है, इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं.
हरियाली तीज समारोह में दिल्ली की सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं. कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, गीत-संगीत और पारंपरिक तीज उत्सव का आयोजन हुआ. लेकिन समारोह का सबसे बड़ा मुद्दा महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि ही रहा, जिसने इस त्यौहार के मौके पर भी राजनीति को केंद्र में ला दिया.

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