ग्रेटर नोएडा के चार गांवों में सीवर संकट होगा खत्म, दिसंबर 2026 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

by Carbonmedia
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इलाके में लंबे समय से सीवर ओवरफ्लो और जलभराव की समस्या से जूझ रहे ग्रेटर नोएडा के चार गांवों सैनी, सुनपुरा, वैदपुरा और सादुल्लापुर को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इन गांवों की सीवर समस्या के स्थायी समाधान के लिए कार्य आरंभ कर दिया है. योजना के तहत इन गांवों की आंतरिक सीवर लाइनों को 130 मीटर रोड से गुजर रही मेन सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा.
इस परियोजना का कार्य जून 2025 से प्रारंभ हो चुका है और इसे दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. प्राधिकरण के परियोजना विभाग वर्क सर्किल-2 के वरिष्ठ प्रबंधक नरोत्तम सिंह के अनुसार, इस सीवर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर लगभग 5.37 करोड़ रुपये की लागत आएगी. टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
CEO और ACEO ने दिया प्रोजेक्ट को समर्थन, प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रामीणों की लगातार मिल रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए इस परियोजना को हरी झंडी दी. वहीं, एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि इस योजना के पूरा होने के बाद गांवों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी. रास्तों पर गंदा पानी जमा नहीं होगा और गांव का वातावरण अधिक स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनेगा.
ग्रामीणों को मिलेगा स्थायी समाधान
सैनी, सुनपुरा, वैदपुरा और सादुल्लापुर गांवों में बरसात के दिनों में अक्सर सीवर ओवरफ्लो की शिकायतें आती थीं, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था. अब मुख्य सीवर लाइन से जुड़ने के बाद इस समस्या का स्थायी हल संभव होगा. इसके साथ ही गांवों में जलभराव, दुर्गंध और स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल न केवल ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करेगी, बल्कि क्षेत्रीय स्वच्छता और जनस्वास्थ्य में भी बड़ा सुधार लाएगी. अगर कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा हो गया, तो यह ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी.
अब खत्म हो जाएगी ओवरफ्लो की समस्या
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह, सैनी, सुनपुरा, वैदपुरा और सादुल्लापुर की आंतरिक सीवर लाइन को मुख्य सीवर लाइन से जोड़ने देने से गांववासियों को आने वाले समय में बड़ी राहत मिल जाएगी. इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी. इससे न सिर्फ रास्तों पर गंदा पानी भरने की परेशानी खत्म होगी, बल्कि गांव का वातावरण भी अधिक स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक हो सकेगा.

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