किन्नौर में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से भाजपा नेता सूरत नेगी लगातार तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। जनजातीय सलाहकार परिषद सदस्य एवं किन्नौर कांग्रेस के प्रवक्ता केसर नेगी ने रिकांगपिओ में आयोजित प्रेस वार्ता में यह आरोप लगाया। केसर नेगी ने कहा कि सूरत नेगी कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के चरित्र को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही विमल नेगी की मौत के मामले में भी अनुचित बयानबाजी कर अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं। सूरत नेगी के बयान को बताया गैर-जिम्मेदाराना प्रेस वार्ता में केसर नेगी के साथ जिप सदस्य हितेश नेगी, किन्नौर कांग्रेस प्रवक्ता कुलवंत नेगी, राकेश चारस सहित कई अन्य लोग मौजूद थे। केसर नेगी ने बताया कि सूरत नेगी ने एक संवेदनशील मामले में गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विमल नेगी मामले में सरकार ने शुरू से ही उचित कदम उठाए हैं। सूरत नेगी का यह आरोप कि एसपी शिमला की नियुक्ति में जगत सिंह नेगी का हाथ है, पूरी तरह से घटिया राजनीति है। केसर नेगी ने स्पष्ट किया कि अधिकारियों की नियुक्ति सरकार के कार्यक्षेत्र में आती है। राजनीतिक लाभ के लिए तथ्यहीन बयानबाजी विमल नेगी मामले में साक्ष्य मिटाने का आरोप भी निराधार है। मामला सीबीआई के पास है और जांच कमेटी पहले ही सभी दस्तावेज और साक्ष्य सीबीआई को सौंप चुकी है। किन्नौर कांग्रेस ने भाजपा नेता के इस तरह के बयानों का पुरजोर विरोध किया है। केसर नेगी ने कहा कि भाजपा नेता जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। जानें क्या था बयान कांग्रेस प्रवक्ता केसर नेगी ने कहा कि भाजपा नेता सूरत नेगी ने प्रेस वार्ता में गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एसपी संजीव गांधी को शिमला में पुनः तैनाती करने में कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी का हाथ है। किन्नौर कांग्रेस इसका पूरी तरह विरोध करती है। उन्होंने कहा किसी पद पर अधिकारियों की ताजपोशी करना सरकार के कार्य क्षेत्र में आता है मगर वहां भी भाजपा नेता ने जगत सिंह नेगी का नाम लेकर लोगो मे संशय पैदा करने की कोशिश की है। बता दें कि इंजीनियर विमल नेगी के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने एसपी शिमला संजीव गांधी को हटाया गया उन्हें मेडिकल लीव पर भेजा गया था।
किन्नौर कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा नेता को घेरा:बोले-विमल नेगी मामले में राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश, तथ्यहीन बयानबाजी का आरोप
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