पंजाब में कांग्रेसी विधायक सुखपाल खैरा को मानहानि नोटिस:​​​​​​​CM मान के OSD ने माफी मांगने को कहा; हाइलक्स खरीद में घपले का लगाया था आरोप

by Carbonmedia
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पंजाब में 144 टोयोटा हाइलक्स गाड़ियों की खरीद को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के OSD राजबीर सिंह ने कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैरा को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। इस नोटिस में खैरा से 72 घंटे के भीतर सार्वजनिक और लिखित माफी मांगने की मांग की गई है। राजबीर सिंह का आरोप है कि खैरा ने उन पर झूठे, मनगढ़ंत और बेबुनियाद आरोप लगाए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। राजबीर सिंह ने साफ किया है कि अगर सुखपाल खैरा सोमवार तक माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह नोटिस राज्य में हाल ही में उठे विवादास्पद मुद्दों के बीच आया है, जहां खैरा लगातार पंजाब सरकार, खासतौर पर आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री मान को निशाने पर ले रहे हैं। टॉयोटा हाइलक्स गाड़ियों की खरीद पर सरकार पर हमला सुखपाल खैरा ने हाल ही में पंजाब पुलिस के लिए खरीदी गई 144 टोयोटा हाइलक्स गाड़ियों को लेकर सरकार पर करीब 15 से 20 करोड़ रुपए के नुकसान का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि थोक में की गई खरीद के बावजूद गाड़ियों पर कोई छूट नहीं ली गई, जो दर्शाता है कि यह एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “हम समझ सकते हैं कि भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और पंजाब पुलिस इस संदिग्ध खरीद पर चुप क्यों हैं, लेकिन मुख्यधारा की मीडिया भी क्यों मौन है? क्या वे भी इस घोटाले में साझेदार हैं?” लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भी कसा था तंज खैरा ने लैंड पूलिंग नीति को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह नीति पंजाब में अनचाही शहरी संपत्तियों को थोपने की कोशिश है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वे दिल्ली के ‘दागी नेताओं’ के साथ मिलकर लैंड माफिया के माध्यम से पंजाब की ज़मीनों पर कब्जा करना चाहते हैं। खैरा ने लिखा, “यह लैंड ग्रैबिंग पॉलिसी है, जिसे फर्जी क्रांतिकारी चला रहे हैं। सरकार का मकसद पंजाबियों को उजाड़कर बाहरी लोगों को बसाना है, क्योंकि हमारे बच्चे विदेश जा रहे हैं।” विपक्ष का तीखा वार और सत्ताधारी पार्टी की चुप्पी सुखपाल खैरा की इन टिप्पणियों ने जहां आम आदमी पार्टी की सरकार पर बड़ा दबाव बनाया है, वहीं OSD राजबीर सिंह का मानहानि नोटिस यह दिखाता है कि अब सरकार इन आरोपों को लेकर कानूनी मोर्चे पर उतर आई है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी गर्मा सकता है, क्योंकि खैरा ने पहले ही एलान कर दिया है कि वह जनता के हितों को लेकर आवाज उठाते रहेंगे। यह मामला अब राजनीति से निकलकर कानूनी लड़ाई की दिशा में जाता दिख रहा है, और इसकी गूंज आने वाले समय में पंजाब की राजनीति को और अधिक प्रभावित कर सकती है।

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