म्यांमार में उग्रवादी कैंप पर हुई स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने उत्तर-पूर्व में पहली बार एक ड्रोन एक्सरसाइज आयोजित की. ये भारतीय सेना की पहली ड्रोन एक्सरसाइज है. भारतीय सेना की दीमापुर (नागालैंड) स्थित स्पीयर कोर ने इस ड्रोन-प्रहार एक्सरसाइज को आयोजित किया है. इसके तहत युद्ध भूमि में ड्रोन की उपयोगिता और तैयारियों की समीक्षा की गई.
आधुनिक युद्ध में ड्रोन के इस्तेमाल को देखते हुए भारतीय सेना ने एक्सरसाइज ड्रोन प्रहार का आयोजन किया. भारतीय सेना के मुताबिक ‘ड्रोन प्रहार’ अभ्यास का आयोजन यथार्थपरक युद्ध स्थितियों में किया गया, जिसका उद्देश्य इन्फेंट्री यानी पैदल सेना और सहायक हथियारों के साथ ड्रोन तकनीक के सामरिक उपयोग की प्रभावशीलता को परखना था.
ड्रोन वॉरफेयर को समर्पित है ड्रोन प्रहार भारतीय सेना अपनी मिलिट्री एक्सरसाइज में ड्रोन क्षमताओं को परखती रही है, लेकिन ड्रोन प्रहार पहला ऐसा अभ्यास है जो पूरी तरह ड्रोन वॉरफेयर को समर्पित है. ड्रोन प्रहार सैन्य अभ्यास का निरीक्षण स्पीयर कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस. पेंढारकर ने किया.
एक्सरसाइज के दौरान खुफिया जानकारी (आईएसआर) निगरानी, लक्ष्य पहचान और ‘सेंसर टू शूटर’ की रियल-टाइम कड़ी जैसी क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया. अभ्यास के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया गया कि युद्ध क्षेत्र में ड्रोन के सुरक्षित संचालन के लिए जरूरी सभी पहलू, जैसे एयरस्पेस को टकराव से मुक्त रखना, सुरक्षित संचार व्यवस्था और विभिन्न सैन्य शाखाओं के बीच कोऑर्डिनेशन सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं.
हाल ही में मारे गए थे उल्फा उग्रवादी हाल ही में नागालैंड से सटी म्यांमार सीमा में गैर कानूनी तरीके से चल रहे उग्रवादी कैंप पर एक बड़ी ड्रोन स्ट्राइक हुई थी. उग्रवादी संगठन उल्फा का आरोप था कि भारत की इस ड्रोन स्ट्राइक में कई उग्रवादी मारे गए हैं, लेकिन भारतीय सेना ने इस स्ट्राइक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
भारतीय सेना के अनुसार, “ड्रोन प्रहार अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सामरिक कमांडरों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाना और उन्हें वास्तविक समय की जानकारी से लैस करना है. लेयर सर्विलांस की मदद से कमांड रेंज और युद्ध मैदान में पारिस्थिकीय जागरुकता में सुधार देखा गया.”
भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि “यह अभ्यास भारतीय सेना की तकनीकी श्रेष्ठता और भविष्य के युद्ध की चुनौतियों से निपटने की तैयारी का परिचायक है. ‘ड्रोन प्रहार’ आधुनिक युद्ध के क्षेत्र में सेना के नवाचार और लचीलापन को दर्शाने वाली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.”
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