लंबे समय तक एक ही जगह बैठकर काम करना अब सिर्फ पेट दर्द या खराब पॉश्चर का कारण नहीं माना जा रहा बल्कि यह आपके ब्लड शुगर और इंसुलिन सेंसिटिविटी पर भी असर डालता है. हाल ही में हेल्थ एक्सपर्ट्स और कई रिसचर्स ने यह दावा किया है कि अगर आप हर दिन सिर्फ 1 से 2 घंटे स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करें और बीच-बीच में हल्की-फुल्की मूवमेंट करें तो डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है.
लंबे समय तक बैठना कैसे बढ़ता है डायबिटीज का खतरा
घर से काम करने के चलन और ऑफिस में कंप्यूटर के सामने घंटों बैठने की आदतों ने शारीरिक सक्रियता को कम कर दिया है. एक्सपर्ट्स के अनुसार लगातार बैठे रहने से शरीर की ग्लूकोज प्रोसेसिंग क्षमता घटती है. जिससे इन्सुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ सकता है जो कि टाइप टू डायबिटीज की शुरुआत का संकेत है. सिर्फ खड़े हो जाना या हल्की मूवमेंट भी मांसपेशियों को एक्टिव करता है. जिससे वे ब्लड सेल्स में मौजूद बैक ग्लूकोज को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाती है.
स्टैंडिंग डेस्क कैसे करता है मदद
डायबिटीज एक्सपर्ट्स के अनुसार लगातार बैठने की बजाय खड़े होना या हल्की चाल ढाल को दिनचर्या में शामिल करना पोस्ट प्रैंडियल यानी खाने के बाद की ब्लड शुगर स्पाइक्स को कम करता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर कोई व्यक्ति काम के दौरान हर घंटे में कम से कम 30 मिनट खड़े रहे या हल्की एक्टिविटी करें तो कुछ ही महीनों में उसकी इन्सुलिन सेंसटिविटी में सुधार देखा जा सकता है. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि सिर्फ खड़े रहना पर्याप्त नहीं है. बल्कि बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी हलचल जैसे चलना, स्ट्रेचिंग या जेंटल एक्सरसाइज करना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है.
कितना समय खड़े रहने से असर दिखता है
एक्सपर्ट के अनुसार हर दिन कुल मिलाकर 60 से 90 मिनट का स्टैंडिंग टाइम या फिर हर आधे घंटे में पोजीशन बदलना शरीर की मेटाबॉलिक हेल्थ पर सकारात्मक असर डालता है. अगर आप हर दिन 1 से 2 घंटे स्टैंडिंग डेस्क पर काम करते हैं और बीच में कुछ मिनट चलने फिरने या स्ट्रेचिंग के लिए निकालते हैं तो यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में भी मददगार हो सकता है.
कौन लोग बरतें सावधानी
जो लोग इन्सुलिन रेजिस्टेंस, प्री डायबिटीज, न्यूरोपैथी, जोड़ों की समस्या या हार्ड डिजीज जूझ रहे हैं उनके लिए धीरे-धीरे बदलाव करना जरूरी है. स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल शुरू करने से पहले उन्हें चाहिए कि वह हर 30 से 60 मिनट पर बैठने और खड़े होने का संतुलन बनाए. इसके साथ ही एंटी फटीग मैट्स का उपयोग करें और आरामदायक जूते पहनें. ताकि लंबे समय तक खड़े रहने से थकान या दर्द न हो.
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हर दिन 1 से 2 घंटे स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल कर रख सकते हैं डायबिटीज को मैनेज-स्टडी
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