कैसे सिर्फ एक चेन खींचने से रुक जाती है पूरी ट्रेन, जानिए इसके पीछे की तकनीक

by Carbonmedia
()

भारतीय रेलवे में सफर करते समय आपने हर कोच में एक लाल रंग की चेन लटकती जरूर देखी होगी. यह कोई आम रस्सी नहीं है, बल्कि एक इमरजेंसी सिस्टम का हिस्सा होती है, जिसे एमरजेंसी चेन या अलार्म चेन पुलिंग (ACP) कहा जाता है. आपने कभी न कभी ये जरूर सोचा होगा कि आखिर इस छोटी-सी चेन को खींचने से इतनी बड़ी ट्रेन कैसे रुक जाती है? इसके पीछे कौन-सी टेक्नोलॉजी काम करती है? आइए जानते हैं पूरी कहानी.
क्या होता है चेन खींचने पर?
जब यात्री इस चेन को खींचते हैं, तो एक मैकेनिकल वॉल्व खुलता है जो ट्रेन के ब्रेक पाइप से जुड़ा होता है. ये पाइप ट्रेन के एयर ब्रेक सिस्टम का हिस्सा होता है. भारतीय रेल की अधिकांश ट्रेनों में एयर ब्रेक सिस्टम का उपयोग होता है, जिसमें कोचों को जोड़ने वाली पाइपलाइन में लगातार कंप्रेस्ड हवा (Compressed Air) बहती रहती है.
ये कंप्रेस्ड हवा एक निश्चित दबाव बनाए रखती है जिससे ट्रेन के ब्रेक खुले रहते हैं. जैसे ही कोई चेन खींची जाती है, वॉल्व खुलता है और इस पाइप से हवा बाहर निकल जाती है. इससे सिस्टम का दबाव गिर जाता है और इसे एक इमरजेंसी के रूप में पहचाना जाता है. दबाव कम होते ही ब्रेक अपने आप लग जाते हैं, और ट्रेन धीमी होकर रुक जाती है.
ड्राइवर को कैसे पता चलता है?
नई ट्रेनों में, लोको पायलट यानी ड्राइवर को कंट्रोल पैनल पर तुरंत अलार्म या लाइट के जरिए सूचना मिलती है कि चेन किस कोच में खींची गई है. इसके बाद, ट्रेन रुकते ही गार्ड या रेलवे स्टाफ उस कोच में जाकर जांच करते हैं.
चेन खींचने के नियम और सजा
अगर चेन को बिना किसी वैध कारण (जैसे – किसी की तबीयत बिगड़ना, सुरक्षा संकट आदि) के खींचा जाता है, तो यह एक कानूनी अपराध है. ऐसे मामलों में दोषी व्यक्ति पर भारी जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है.
रेलवे कर रहा है तकनीकी अपग्रेड
भारतीय रेलवे अब इस सिस्टम को और स्मार्ट बना रहा है. कुछ ट्रेनों में CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैंइलेक्ट्रॉनिक अलार्म सिस्टम जो चेन पुलिंग की निगरानी कर सकेसेंसर बेस्ड ब्रेक सिलेंडर्स, जो चेन खींचने की सटीक लोकेशन रिकॉर्ड करते हैं.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment